Tamil Nadu Grants Permission To Jallikattu: जल्लीकट्टू को मिली अनुमति, खेल के लिए इन कोविड दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य
जल्लीकट्टू के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

तमिलनाडु सरकार ने पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू (Jallikattu) को कुछ प्रतिबंधों के साथ आयोजित करने की अनुमति दे दी है. निर्देश के अनुसार कार्यक्रम में खिलाड़ियों की संख्या 150 से अधिक नहीं हो सकती है और शामिल होने वाले खिलाड़ियों के लिए COVID-19 नेगेटिव सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिए गए हैं. इस खेल में दर्शकों की संख्या भी 50 प्रतिशत तक ही सीमित की गई है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया और द पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद 'जल्लीकट्टू' पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने जोर देकर कहा कि जल्लीकट्टू इसकी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और पहचान था. जिसके बाद जनवरी 2017 में चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध के बाद कानून में संशोधन के साथ प्रतिबंध हटा दिया गया था. यह भी पढ़ें: तमिलनाडु: मदुरै जिले में जल्लीकट्टू की तैयारियां शुरू, 15 जनवरी से आयोजित होंगी प्रतियोगिता प्रतियोगिताएं

जल्लीकट्टू के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश:

  • कोविड -19 नकारात्मक प्रमाण पत्र बैल मालिकों, टैमर्स और सभी के लिए फेस मास्क अनिवार्य है.
  • दर्शकों की कुल क्षमता का केवल 50 प्रतिशत ही खुली एरिया में इकट्ठा होने की अनुमति दी जाएगी.
  • आयोजन में 300 से अधिक बुल टैमर की अनुमति नहीं दी जाएगी.

देखें ट्वीट:

जल्लीकट्टू एक खेल है जो मट्टू पोंगल के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाता है, जो चार-दिवसीय फसल उत्सव पोंगल के तीसरे दिन होता है. तमिल शब्द 'मट्टू' का अर्थ है बैल, और पोंगल का तीसरा दिन खेती की प्रक्रिया में प्रमुख भागीदार मवेशियों को समर्पित है. इस साल तमिलनाडु में मदुरै के पालमेडु में होने वाली जल्लीकट्टू प्रतियोगिताओं के दौरान 30 से अधिक प्रतिभागी घायल हो गए.