
Prayagraj Shocker: प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र में स्थित एक प्राइवेट स्कूल टीचर की क्रूरता सामने आई है, जिसने हर माता-पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यहां नर्सरी में पढ़ने वाले चार साल के बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि स्कूल में शिक्षक की पिटाई से बच्चे की जान चली गई. बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह मासूम अपने भाई के साथ स्कूल गया था. लेकिन कुछ घंटे बाद घर पहुंची खबर ने सभी को तोड़ दिया.
बच्चे की अचानक हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
प्रयागराज में स्कूल बना काल
प्रयागराज में स्कूल टीचर के थप्पड़ मारने से नर्सरी के छात्र 3 वर्षीय शिवाय की मौत हो गई।
मृतक छात्र के भाई ने बताया, "टीचर के थप्पड़ से उसका सिर बेंच से टकरा गया, उसके मुंह और नाक से खून निकलने लगा और उसकी मौत हो गई"@prayagraj_pol @Uppolice #UttarPradesh #RejectGauravGogoi pic.twitter.com/mCLujJTtFX
— Ritika Rajora (Tv100 News) (@Rrajora07) May 17, 2025
परिजनों का गंभीर आरोप
बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि क्लास के दौरान एक टीचर ने उनके बेटे को थप्पड़ मारा. इसी दौरान उसका सिर पास की बेंच से टकरा गया. चोट इतनी गंभीर थी कि उसके मुंह और नाक से खून बहने लगा. स्कूल प्रशासन ने आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल तो पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
मासूम के बड़े भाई ने रोते हुए कहा, “उसने बस स्कूल जाना शुरू किया था, किसे पता था कि वो वापस नहीं आएगा. उसका स्कूल बैग और पानी की बोतल अब भी वैसे ही रखे हैं.”
पुलिस ने दर्ज किया केस
बच्चे की मौत की सूचना मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई. परिजनों की तहरीर पर नैनी पुलिस ने स्कूल के दो शिक्षकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
पुलिस अब मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. स्कूल के क्लासरूम और कॉरिडोर में लगे CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जिससे सच्चाई सामने लाई जा सके.
हरकत में आया शिक्षा विभाग
घटना की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अगर स्कूल की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, स्थानीय लोग भी इस घटना से आक्रोशित हैं और स्कूल की जवाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं.
इस घटना ने एक बार फिर निजी स्कूलों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. छोटे बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार, जहां शिक्षक ही हिंसा पर उतर आएं, बेहद चिंताजनक है. क्या स्कूल में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कोई मानक नहीं हैं?