नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाने वाली है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की बेंच उन याचिकाओं पर फैसला देने वाली है, जिसमें याचिकाकर्ता शीर्ष कोर्ट के 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध कर रहे हैं जिसमें फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से लड़ाकू विमान खरीदने के केन्द्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि केन्द्र ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत से जरूरी तथ्य छिपाए. लोकसभा चुनावों के नतीजे आने से एक दिन पहले सार्वजनिक की गईं लिखित दलीलों में उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों को गलत जानकारी देने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्योंकि सरकार ने नोट तथा दलीलों के जरिये ‘‘कई झूठे बोले तथा जरूरी तथ्य छिपाए.’’ भारत को मिला पहला राफेल लड़ाकू विमान, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रहे मौजूद, देखें तस्वीरें
Supreme Court to pronounce tomorrow its judgement on Rafale review petitions against its December 14, 2018 judgement upholding the 36 Rafale jets' deal. pic.twitter.com/vELaxbEcFm
— ANI (@ANI) November 13, 2019
उन्होंने 41 पन्ने की दलीलों में कहा कि इसने (केन्द्र) सच को छिपाया और ऐसे तथ्यों और दस्तावेजों को लेकर झूठ फैलाया जिनका इस मामले से सीधा संबंध था. ये तथ्य और दस्तावेज सरकार के पास उपलब्ध थे लेकिन इन्हें अदालत से छिपाया गया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दस मई को उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा जिनमें राफेल मामले में पिछले साल 14 दिसंबर को आए निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की गई थी.
शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर के अपने फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की निर्णय प्रक्रिया पर संदेह की कोई आवश्यकता नहीं है. बेंच ने 58 हजार करोड़ रुपये के सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज किया था.