नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मणिपुर (Manipur) के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार (T Shyamkumar) को पद से हटा दिया है. साथ ही मणिपुर विधानसभा (Manipur Assembly) में श्यामकुमार के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल देश की शीर्ष कोर्ट ने यह कदम स्पीकर पर नाराज होकर उठाया.
जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) द्वारा बीजेपी नेता टी श्यामकुमार पर एक्शन नहीं लेने पर नाराजगी जताई. साथ ही संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर मंत्री को तत्काल पद से हटा दिया. अब इस पूरे मामलें की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी. मध्य प्रदेश फ्लोर टेस्ट: बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल तक टली सुनवाई
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने फैसले का किया स्वागत-
I welcome the ruling of Supreme Court on the case of Manipur Minister Shyamkumar. He won on a Congress ticket but BJP made him a Minister and sat on his disqualification case for so many years. The other MLAs should also take note that justice catches up. @INCManipur https://t.co/iw1VrNMTzl
— Gaurav Gogoi (@GauravGogoiAsm) March 18, 2020
इससे पहले तीन जजो की बेंच ने मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से कहा था कि वह बीजेपी के विधायक और मणिपुर के वन मंत्री टी श्यामकुमार को अयोग्य घोषित करने के लिए कांग्रेस नेता की याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें. कोर्ट ने संसद से अनुरोध किया th कि उसे सांसदों और विधायकों की अयोग्यता के मामलों पर फैसला करने के अध्यक्ष के अधिकारों पर फिर से विचार करना चाहिये क्योंकि इस पद पर आसीन निर्वाचित प्रतिनिधि भी तो ‘एक राजनीतिक दल विशेष’ का ही सदस्य होता है.
श्यामकुमार कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि स्पीकर अनिश्चित समय के लिए अयोग्यता याचिका को रोके नहीं रख सकते. कोर्ट ने कहा दलबदल जैसे मामले को लेकर अयोग्य करार देने पर संसद या विधानसभा के चुने हुए सदस्यों को बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.