नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं को प्रवेश देने के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की पीठ ने याचिका खारिज कर दी. पुनर्विचार याचिका पर वहीं न्यायाधीश विचार करते हैं, जिन्होंने फैसला दिया है.
नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) व अन्य ने इस सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को वापस लिए जाने के लिए सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की.इस बीच केरल सरकार ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालया के फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाएगी. यह भी पढ़े: सबरीमाला मंदिर: सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति वाले फैसले के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल
जाने क्या है पूरा मामला
केरल के सबरीमाला मंदिर में कोर्ट के फैसले से पहले केरल के सबरीमाला मंदिर में दस साल से पच्चास साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में आने जाने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबन्ध था. खासकर इस मंदिर में 15 साल के ऊपर की लड़कियां और महिलाओं को जाने की इजाजत नही थी. अब तक इस मंदिर में छोटी उम्र की बच्चियां और सिर्फ बूढ़ी महिलाओं को ही आने जाने की इजाजत थी.