नई दिल्ली, 12 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट ने कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में तेदेपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई सोमवार को 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. नायडू की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की अनुपलब्धता के कारण न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया.
दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश सीआईडी ने नायडू की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका के शीघ्र निपटारे के लिए पीठ से अनुरोध किया, जिसमें न्यायमूर्ति पंकज मिथल भी शामिल थे. राज्य सीआईडी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति टी. मल्लिकार्जुन राव की पीठ के 20 नवंबर के फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें तेदेपा नेता को पहले से ही जमा किए गए जमानत बांड पर उन्हें नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था.
उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर को चिकित्सा आधार पर नायडू को दी गई अंतरिम जमानत को "पूर्ण" कर दिया. इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने नायडू द्वारा उसी मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर खंडित फैसला सुनाया. परिणामस्वरूप, कानून को निपटाने के लिए एक बड़ी पीठ के गठन के लिए उनकी याचिका भारत के मुख्य न्यायाधीश को भेज दी गई.