नई दिल्ली: नागरिकता कानून का विरोध कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलावर को सुनवाई हुई. देश की शीर्ष कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को अपने क्षेत्र के हाईकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है.
सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रत्येक घटनाएं अलग-अलग स्थानों पर हुई है और विभिन्न अधिकारियों द्वारा अलग-अलग कदम उठाए गए हैं. साथ ही शिकायतें भी अलग-अलग हैं. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले हाईकोर्ट का रुख करें. जामिया हिंसा मामला: दिल्ली पुलिस ने क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले 10 लोगों को किया गिरफ्तार, इनमें कोई भी छात्र शामिल नहीं
SC asks petitioners to approach High Court within the jurisdiction of incidents where protest against #CAA took place. SC said concerned High Courts will be at liberty to appoint former judges of SC or HC for the purpose of inquiry after hearing Centre & the respective States. https://t.co/fHQHidmYsu
— ANI (@ANI) December 17, 2019
सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही कहा कि केंद्र और संबंधित राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद हाईकोर्ट उच्च-स्तरीय जांच के लिए पूर्व न्यायाधीशों की नियुक्ति कर सकता है. दोनों पक्षों की दलील सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से नहीं रोक सकते हैं. जब कोई कानून तोड़ता है तो पुलिस क्या कर सकती है. पूरे मामलें पर हाईकोर्ट फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है.
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ मंगलवार को भी देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए.