मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री (Maharashtra Home Minister) दिलीप वालसे-पाटिल (Dilip Walse Patil) ने सोमवार को संकेत दिया कि आर्यन खान (Aryan Khan) जमानत मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की हालिया टिप्पणियों के मद्देनजर, मुंबई पुलिस जांच करेगी कि क्या नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की ओर से एक क्रूज जहाज पर की गई छापामारी 'फर्जी' थी या नहीं. आर्यन खान, मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिकाओं पर विस्तृत आदेश में, न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे ने हाल ही में कहा था कि मामले में 'साजिश और सामान्य इरादे' से संबंधित एनसीबी के आरोपों पर उनके खिलाफ 'प्रथम दृष्टया कोई सकारात्मक सबूत नहीं' है.
इस बारे में पूछने पर वाल्से-पाटिल ने कहा कि इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, शहर की पुलिस जांच करेगी कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी फर्जी थी या नहीं. मुंबई पुलिस द्वारा मामले की यह दूसरी जांच होगी, जो 27 अक्टूबर से वानखेड़े के खिलाफ एनसीबी के एक गवाह द्वारा लगाए गए 'जबरन वसूली' के आरोपों की जांच कर रही है.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत की देखरेख में 4 सदस्यीय टीम जांच कर रही है और इस मामले में एनसीबी के गवाहों सहित कई लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. इसके अलावा, एनसीबी उस मामले की अपनी जांच कर रही है, जो वानखेड़े के कई आरोपों का सामना करने के बाद काफी बिगड़ चुका है. यह भी पढ़ें: Mumbai Cruise Drugs Case: नवाब मलिक का बड़ा आरोप, कहा- बॉम्बे HC के आदेश के बाद हुआ साफ, आर्यन मामले में वसूली के लिए रची गई साजिश
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री नवाब मलिक जहाज पर कथित 'फर्जी' छापे, अधिकतम प्रचार प्राप्त करने के लिए हाई-प्रोफाइल व्यक्तित्वों को लक्षित करने, शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन की रिहाई के लिए कथित तौर पर जबरन वसूली की मांग करने जैसे विभिन्न मामलों में वानखेड़े को निशाना बनाते हुए एक अभियान चला रहे हैं. इसके अलावा मलिक ने यह भी आरोप लगाया है कि वानखेड़े ने एक आरक्षित श्रेणी में आईआरएस में एक बड़ी नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा कराए थे.
जहाज पर छापेमारी के बाद, एनसीबी ने कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से खान, धमेचा और मर्चेंट सहित अधिकांश ने जमानत हासिल कर ली है. यह मामला अभी भी काफी सुर्खिया बटोर रहा है और इसने एक प्रमुख राजनीतिक विवाद को भी तेज कर दिया है.