नई दिल्ली. बिना देखे या पढ़े किसी कागज पर साइन करना घातक हो सकता है. साथ ही यह चर्चा का विषय भी बन सकता है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दतिया (Datia) जिले में सामने आया है. बताना चाहते है कि एमपी के दतिया जिला के वन अधिकारी (डीएफओ) के दफ्तर से जारी किया गया पत्र चर्चा में है. इस पत्र में कोई सरकारी आदेश नहीं बल्कि अंधविश्वास से भरा एक पर्चा है. जो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रहा है. अंधविश्वास से भरे इस पर्चे में लिखा है, "साईबाबा का यह मैसेज फॉरवर्ड करने पर प्रमोशन मिलता है और जो नहीं भेजता, उसका नुकसान हो जाता है."
अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजे गए पत्र में बकायदा डीएफओ प्रियांशी राठौर के रिसीविंग हस्ताक्षर भी हैं. पत्र में डीएफओ के हस्ताक्षर देखने के बाद अधीनस्थ कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. वहीं जब डीएफओ राठौर को इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने आदेश निकालकर इस पत्र को निरस्त करवाया. यह भी पढ़े-अंधविश्वास: शरीर से आत्मा निकालने के लिए तांत्रिक ने निकाली आखें, तोड़ी नाक, घोपा त्रिशूल, महिला की मौत
इस पुरे मामले पर डीएफओ प्रियांशी राठौर ने बताया कि वह खुद इस तरह के अंधविश्वास भरे संदेशों और चिट्ठियों में यकीन नहीं करतीं और इसलिए जब उन्होंने इस पत्र को पढ़ा तो क्लर्क बालकृष्ण पांडे को ये पत्र अलग करने को बोल दिया था, लेकिन पता नहीं उसने इसे आगे जारी कैसे कर दिया.
दूसरी तरफ इस पुरे मसले को लेकर डीएफओ प्रियांशी राठौर ने दोनों क्लर्क को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.