नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा और राज्य के स्थानीय निवासी की परिभाषा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. इससे पहले 6 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई होनी थी लेकिन तीन जजों की पीठ में एक जज के ना होने के चलते सुनावई पूरी नहीं हो पाई थी. सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. 6 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि क्या ये मामला संविधान पीठ में जाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि हमें ये तय करना होगा कि क्या ये मामला 5 जजों की बेंच के पास भेजें या नहीं.
वहीं सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली इस सुनवाई को टालने के लिए एक अर्जी दाखिल की गई है. सुनवाई को देखते हुए इन दिनों कश्मीर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है. बीते दिनों कश्मीर में 35A को लेकर अफवाह उड़ी थी, जिसके बाद घाटी के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.
राज्य सरकार की ओर से दायर की गई याचिका में राज्य में जल्द होने वाले स्थानीय निकायों के चुनावों का हवाला दिया गया है. याचिका में कहा गया कि चुनावों के मद्देनजर इस मामले पर 31 अगस्त को सुनवाई न करके इसे आगे के लिए टाल दिया जाए. गौरतलब है कि अनुच्छेद 35A का मुद्दा हमेशा से ही संवेदनशील रहा है, यही कारण है कि इसकी सुनवाई के दौरान घाटी में तनाव अधिक बढ़ जाता है, और इस बीच सुरक्षा इंतजाम भी बढ़ा लिए जाते हैं.
#TopStory: Supreme Court to hear a batch of petitions challenging the constitutional validity of Article 35A, that grants special privileges to the residents of the state of Jammu and Kashmir pic.twitter.com/BfyXUBXNi7
— ANI (@ANI) August 31, 2018
बता दें कि सुनवाई को लेकर अलगावादियों ने घाटी में दो दिन का बंद बुलाया है. हिंसा की आशंका को देखते हुए आज भी कश्मीर के 9 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी रहेगा. सभी हुर्रियत नेता अपने घरों में नजरबंद हैं.
घाटी के कई क्षेत्रों में प्रतिबंद
सुनवाई के कारण बनी तनावपूर्ण स्थिति के कारण घाटी के कई इलाकों में प्रतिबंद लगाया गया है. "नौहट्टा, खान्यार, रैनावाड़ी, एम.आर. गंज और सफा कदल पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र पूर्णतः प्रतिबंधित हैं, जबकि क्रलखुद और मैसूमा पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले क्षेत्रों में आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा रहेगा."
पुलिस ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं. 30 अगस्त और 31 अगस्त को अनुच्छेद 35A के समर्थन में पूरी तरह से बंद का आह्वान किया गया है.
क्या है अनुच्छेद A:
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा यह कानून 14 मई 1954 को लागू किया गया था.आर्टिकल 35A जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है, यह इस राज्य के अपने अलग संविधान में शामिल है, जिसके मुताबिक राज्य में रहने वाले नागरिकों को कई विशेषाधिकार दिए गए हैं.
अनुच्छेद 35A, धारा 370 का ही हिस्सा है. इस धारा के कारण दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है.
अनुच्छेद 35A को दी गई है चुनौती
अनुच्छेद 35A की संवैधानिक वैधता को याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई है.एनजीओ 'वी द सिटीजन' ने मुख्य याचिका 2014 में दायर की थी.इस याचिका में कहा गया है कि इस अनुच्छेद के चलते जम्मू कश्मीर के बाहर के भारतीय नागरिकों को राज्य में संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं है,और इसे हटाने की मांग की है.
वहीं सुनवाई का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि अगर नागरिकता के कानून को तोड़ा गया तो धारा 370 भी उसी के साथ खत्म होगा और जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच विलय भी खत्म हो जाएगा.