नई दिल्ली, 31 मई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (30 मई ) को कन्याकुमारी स्थित स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल साधना करने पहुंचे. जहां उनका ध्यान जारी है. इस पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे. चुनाव के बीच पीएम मोदी द्वारा उठाए गए इस कदम को विपक्ष ‘चुनाव आचार संहिता’ का उल्लंघन बता रहा है. उधर बीजेपी का कहना है कि यह प्रधानमंत्री की निजी आस्था का विषय है. इसमें उनके राजनीतिक हित का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. सियासी बयानबाजी के बीच एक बार फिर बीजेपी नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने विपक्षियों को आईना दिखाया है.
उन्होंने कहा, “यह स्थिति समझ से परे है. कुछ भी समझ पाना मुश्किल है कि आखिर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को क्या हो गया है? प्रधानमंत्री कुछ भी करें तो इन लोगों को दिक्कत होती है. अगर प्रधानमंत्री कुछ बोलें तो दिक्कत होती है. प्रधानमंत्री अपनी आस्था से संबंधित कोई गतिविधि करें तो भी इन लोगों को दिक्कत होती है. अभी प्रधानमंत्री कन्याकुमारी रॉक मेमोरियल ध्यान करने गए, तो भी विपक्षी खेमे में खलबली मची हुई है. मतलब, यह प्रधानमंत्री का मेडिटेशन है और विपक्ष का संपूर्ण फ्रस्ट्रेशन है. जिन लोगों ने राम मंदिर का विरोध किया, भगवान राम का विरोध किया, भगवान राम को काल्पनिक तक बता दिया, जिन लोगों ने सनातन धर्म का विरोध किया, सनातन धर्म के बारे में अपशब्द कहे, अब वो लोग यह भी नहीं चाहते कि कोई हिंदू जाकर ध्यान करे. यह स्थिति समझ से परे है.“ यह भी पढ़ें : व्हाट्सएप ग्रुप में PM मोदी के खिलाफ ध्रुव राठी का वीडियो शेयर करना पड़ा भारी, महाराष्ट्र के वकील पर केस दर्ज
शहजाद पूनावाला ने आगे कहा, “विपक्षी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री के इस कदम से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है. लिहाजा चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए. मैं कहता हूं कि आप साबित करके दिखाओ कि प्रधानमंत्री के इस कदम से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हो रहा है. ना ही प्रधानमंत्री कोई राजनीतिक गतिविधि कर रहे हैं, ना ही कोई रैली कर रहे हैं, ना ही कोई चुनावी जनसभा कर रहे हैं, ना ही कोई सियासी बयानबाजी दे रहे हैं. ऐसी सूरत में अब आप बताइए कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हुआ? बीते 26 अप्रैल को वायनाड में चुनाव हो रहा था तो उस वक्त बगल के कर्नाटक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार कर रहे थे. वो राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे. उस वक्त विपक्ष ने कुछ भी नहीं कहा. पूरा विपक्षी खेमा चुप्पी साधे बैठा था. अब उन्हें चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नजर आ रहा है. यह दोहरा पैमाना नहीं तो और क्या है?”
शहजाद पूनावाला ने कहा, “विपक्षी कह रहे हैं कि मीडिया वाले प्रधानमंत्री के कन्याकुमारी दौरे को कवर ना करे. शायद इन लोगों को यह नहीं पता कि आज की तारीख में सोशल मीडिया चौतरफा फैला हुआ है. यह सोशल मीडिया का युग है. हर किसी के पास मोबाइल फोन है. डेटा का कॉस्ट 90 फीसद कम हो चुका है. ऐसे में सब के सामने वीडियो बनाने की छूट है. अगर कोई वीडियो बना देगा, तो आप उसे भी रोक देंगे क्या? इस तरह आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे ये लोग मोदी का विरोध करते-करते सनातन धर्म का विरोध करने पर उतारू हो चुके हैं. अब यह ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि कोई सनातन हिंदू जाकर तपस्या भी ना कर सके, लेकिन बीजेपी ऐसा होने नहीं देगी.“