दिल्ली दंगों में पुलिस पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान को मिली अंतरिम जमानत, इस वजह से मिली बेल
Delhi Riots Accused Shahrukh Pathan | PTI

नई दिल्ली: 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 15 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. यह वही शाहरुख पठान है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल ताने हुए नजर आया था. पठान अभी तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन अदालत ने उसे अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए 15 दिन की जमानत दी है. 15 दिन की राहत के बाद उसे फिर से तिहाड़ जेल लौटना होगा.

कड़कड़डूमा कोर्ट ने पठान को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर छोड़ा है. पठान के वकील अब्दुल्ला अख्तर ने कोर्ट में दलील दी कि उनका मुवक्किल 3 मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में है और अब तक उसे कभी भी अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी.

हर दूसरे दिन थाने में लगानी होगी हाजिरी

कोर्ट ने शाहरुख पठान को हर दूसरे दिन सुबह 10-11 बजे के बीच जाफराबाद थाने में हाजिरी देने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि शाहरुख पठान मामले के अन्य आरोपियों और गवाहों से संपर्क नहीं करेगा. कोर्ट ने जमानत की शर्त लगाते हुए निर्देश दिया है कि वह अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारियों को दे और मोबाईल फोन अपने पास स्विच ऑन रखे.

बीमार पिता के इलाज के लिए मिली राहत

पठान के वकील ने बताया कि 1 मार्च 2025 को उसके पिता को आरके नरेंद्र प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी स्थिति गंभीर है और सर्जरी से पहले और बाद में आरोपी का उनके साथ रहना जरूरी है. इसके अलावा, वकील ने तर्क दिया कि घर में पिता की देखभाल करने के लिए कोई पुरुष सदस्य मौजूद नहीं है, इसलिए पठान को अस्थायी रूप से रिहा किया जाए.

कौन है शाहरुख पठान और क्यों है विवादों में?

शाहरुख पठान पर 2020 के दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप है. वह उन दो मामलों का सामना कर रहा है, जिनमें एक पुलिस हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानने और दूसरा रोहित शुक्ला नाम के व्यक्ति की हत्या की साजिश से जुड़ा है.

दिल्ली दंगे 2020

24 फरवरी 2020 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों ने पूर्वोत्तर दिल्ली को दंगों की चपेट में ले लिया. यह हिंसा इतनी भयानक थी कि 50 से अधिक लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए. दंगों के बाद दिल्ली पुलिस ने 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए, जिनमें से कई अब भी अदालतों में लंबित हैं.