Terror Funding Case: अलगाववादी नेता यासीन मलिक दोषी करार, 25 मई को होगी सजा पर बहस- बौखलाया पाकिस्तान
टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोषी क़रार दिया है. इस मामले में 25 मई को सजा पर बहस होगी. उधर, पाकिस्तान ने यासीन मलिक के खिलाफ आरोप तय करने पर भारतीय दूतावास प्रभारी को तलब किया.
नई दिल्ली: टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में एनआईए कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को दोषी क़रार दिया है. इस मामले में 25 मई को सजा पर बहस होगी. उधर, पाकिस्तान ने यासीन मलिक के खिलाफ आरोप तय करने पर भारतीय दूतावास प्रभारी को तलब किया. यासीन मलिक की सुनवाई पर करीब से नजर रख रहे हैं: ब्रिटिश मंत्री
यासीन मलिक ने हाल ही में 2017 में कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने वाले कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित मामले में दिल्ली की अदालत के समक्ष कड़े गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विभिन्न धाराओं के तहत लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था.
पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास प्रभारी को यहां विदेश मंत्रालय में तलब कर उन्हें आपत्ति संबंधी एक दस्तावेज (डिमार्शे) सौंपा है, जिसमें कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ "मनगढ़ंत आरोप" लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि कश्मीरी हुर्रियत नेता मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है.
बयान में कहा गया ''भारतीय दूतावास को पाकिस्तान की गंभीर चिंता से अवगत कराया गया कि भारत सरकार ने कश्मीरी नेतृत्व की आवाज़ को दबाने के लिए उन्हें (मलिक को) फर्जी मामलों में फंसाया है.'' इसमें कहा गया है कि भारतीय पक्ष को 2019 से “अमानवीय परिस्थितियों” में तिहाड़ जेल में मलिक के बंद होने पर पाकिस्तान की चिंता से भी अवगत कराया गया.
गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू और कश्मीर हमेशा से ही भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा. भारत कई बार पाकिस्तान को आतकंवाद पर लगाम कसने और भारत विरोधी दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दे चुका है.