एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिना पूर्व इजाजत के ओडिशा में जंगली जानवरों के साथ सेल्फी या तस्वीरें लेने वाले लोगों को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा और सात साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह भी पढ़ें: Lucknow Shocker: इंसान का कटा हाथ मुंह में फंसाकर घुमता रहा आवारा कुत्ता, इलाके में फैली दहशत, देखें तस्वीरे
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने इस संबंध में प्रभागीय वन अधिकारियों, और सिमिलिपाल दक्षिण और उत्तर प्रभागों और नंदनकानन प्राणी उद्यान के उप निदेशकों को एक पत्र लिखा है.
जिसमें नंदा ने कहा की, "ऐसा देखा जा रहा है कि लोग अनुसूचित जंगली जानवरों के साथ ली गई अपनी तस्वीरें/सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. ऐसे जंगली जानवरों के साथ तस्वीरें/सेल्फी लेना न केवल इन जानवरों के सामान्य जीवन चक्र को बाधित करता है, बल्कि वन्यजीव के प्रावधानों का भी उल्लंघन है. (संरक्षण) अधिनियम, 1972".
उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति उक्त अधिनियम के तहत सात साल तक की कैद की सजा का हकदार है.
इसके अलावा यह भी कहा की, अनुसूचित जंगली जानवरों की प्रजातियों, उनके शवों, शरीर के अंगों और ट्राफियों के साथ सेल्फी और तस्वीरें लेना अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है.
पीसीसीएफ ने बताया कि जंगली जानवरों की तस्वीरें लेने के इच्छुक लोगों को इस उद्देश्य के लिए वन अधिकारियों की अनुमति के साथ लागू कानूनों/दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए.
इसके अलावा वन अधिकारियों को लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें अनुसूचित वन्यजीव प्रजातियों के साथ तस्वीरें और सेल्फी लेने से रोकने के लिए कहा गया.