जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को लेकर सरकार की एडवाइजरी के बाद श्रीनगर में अफरा-तफरी का माहौल है. अफवाहों का बाजार गर्म है. हर कोई एडवाइजरी को लेकर अलग-अलग बातें कह रहा है. कुछ बड़ा होने की आशंका में लोग घबराहट में दिख रहे हैं. श्रीनगर के मूल निवासी खाने-पीने और जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुटे है. रोजमर्रा की जरूरत के सामान के साथ ही लोग भरपूर मात्रा में राशन भी खरीद रहे हैं. किराना और सब्जी की दुकानों पर भी भीड़ दिख रही है. ATM और पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं. श्रीनगर में कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म हो गया. वहां केवल डीजल था. मेडिकल शॉप पर लोग जरूरत की दवाइयां खरीदते देखे गए.
सरकार की एडवाइजरी के बाद सोशल मीडिया पर भी अफवाहों का दौर जारी है. कहीं 35A को हटाने की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो कहीं जम्मू को अलग राज्य बनाने और कश्मीर एवं लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की अफवाह.
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श्रीनगर में पेट्रोल पंप पर भीड़-
#अमरनाथ यात्रियों को वापस लौटने की एडवाइज़री के बाद अचानक बदला #Srinagar का माहौल. राशन की दुकानों, पेट्रोल पंपों और ATM पर लंबी लाइन. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चर्चा यही है कि कुछ बड़ा होने वाला है क्या ? pic.twitter.com/dhlIeMZuyi
— Vikrant Dubey (@vikrantdubeyvns) August 2, 2019
इस बीच एक और अफवाह उड़ी कि राज्य पुलिस के जवानों को हथियार जमा करने के लिए कहा गया है. उनकी जगह सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की जाएगी. देर रात तक यह अफवाह भी फैलने लगी कि केंद्रीय रक्षा मंत्री रात में ही कश्मीर पहुंचने वाले हैं.
घाटी के साथ-साथ पूरे भारत में अफवाहों का बाजार गर्म रहा. इस बीच जम्मू कश्मीर में राजनीतिक हलचल भी तेज रही. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ न करें. इन सब के बीच श्रीनगर समेत पूरी घाटी में सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी रही. जगह-जगह चेकिंग जारी रही.
गौरतलब है कि बड़े आतंकी खतरे को भांपते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर एक एडवाइजरी जारी की गई थी. इसमें लिखा था, "आतंकी खतरे, खास तौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी से जितना जल्द हो सके वापस लौटने की कोशिश करें." 15 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा को सरकार की एडवाइजरी और आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए वक्त से पहले ही खत्म कर दी गई है.