जयपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt) ने 11 जिला मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थलों पर धारा-144 लगा दी है. इसके अलावा पांच से ज्यादा लोगों के समूह में इकट्ठा होने पर रोक लगाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. कोविड-19 संक्रमण की गंभीर स्थिति के मद्देनजर जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर जिलों के मुख्यालय वाले शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर धारा-144 के तहत पांच से ज्यादा व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा.
सीएम अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, "कल से प्रदेश के कई जिलों में धारा-144 लागू हो रही है, यह पब्लिक इंटरेस्ट में किया गया है. मेरी सभी से अपील है कि इसे फॉलो करें. बल प्रदर्शन के बजाय सरकार चाहती है कि इसे मेंटेन करने में पब्लिक आगे बढ़कर कॉपरेट करे. कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह जनहित के लिए है." यह भी पढ़ें | राजस्थान सरकार का फैसला, अस्पतालों में अब COVID-19 संक्रमितों से मिल सकेंगे परिजन, इन नियमों का करना होगा पालन.
सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट:
कल से प्रदेश के कई जिलों में धारा-144 लागू हो रही है, यह पब्लिक इंटरेस्ट में किया गया है। मेरी सभी से अपील है कि इसे फॉलो करें। बल प्रदर्शन के बजाय सरकार चाहती है कि इसे मेंटेन करने में पब्लिक आगे बढ़कर कॉपरेट करे। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह जनहित के लिए है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 20, 2020
सीएम गहलोत ने शनिवार को राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति और उससे बचाव के उपायों पर अधिकारियों के साथ बैठक में पूरे प्रदेश में किसी भी सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक को भी 31 अक्टूबर तक यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है. एक सरकारी बयान के अनुसार केवल अंतिम संस्कार में 20 तथा विवाह-शादी के आयोजन में 50 व्यक्तियों के शामिल होने की छूट पूर्ववत रहेगी, लेकिन इसके लिए स्थानीय उपखण्ड अधिकारी को पूर्व सूचना देनी होगी.
सीएम गहलोत ने महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने और उचित दूरी रखने सहित स्वास्थ्य नियमों की कड़ाई से पालना करवाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा, "कि किसी भी जिले में आक्सीजन बेड, आईसीयू बेड तथा वेन्टिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों की कमी नहीं है. इस संबंध में कतिपय भ्रामक सूचनाएं फैलाई गई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है."