चेन्नई, 9 मार्च : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और डीएमके के बीच सीट बंटवारे को लेकर फैसला रविवार तक हो जाएगा. हालांकि, यह फैसला काफी पहले ही हो गया होता, लेकिन मगर डीएमके के रूख की वजह से ही इसमें विलंब हो गया. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, डीएमके 9 सीटों पर सहमत हो चुकी है, लेकिन तीन सीटों को लेकर बदलाव की संभावना अभी भी बनी हुई है. हालांकि, जब डीएमके नेताओं से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
डीएमके और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पार्टी कार्यालय में बैठक होगी. इस बैठक में अन्ना अरिवलयम, डीएमके के टी.आर. बालू और एस. दुरईमुरुगन सत्तारूढ़ दल का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि सेल्वापेरुन्थागई कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि हमें वो सभी 9 सीटें मिले हैं, जिन पर हमने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें एक सीट पुदुचेरी भी शामिल है." यह भी पढ़ें : BJP, TDP and Janasena Alliance: चंद्रबाबू नायडू की एनडीए में वापसी तय, आंध्र प्रदेश में साथ चुनाव लड़ेगी भाजपा, टीडीपी और जनसेना
इस बीच, डीएमके के वरिष्ठ महासचिव और तमिलनाडु के जल कार्य मंत्री एस. दुरईमुरुगन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री थिरु एम.के. स्टालिन रविवार को सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला ले लेंगे. हम चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं."
डीएमके के सूत्रों के मुताबिक, स्टालिन कांग्रेस के साथ जल्द से जल्द सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला ले लेना चाहते हैं, ताकि अन्य दलों के साथ भी सीट बंटवारे पर फैसला लिया जा सके.
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके के नेतृत्व वाला धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन ने 39 में से 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एकमात्र सीट जो मोर्चा हार गया वो थेनी थी, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. इलांगोवन अन्नाद्रमुक के ओ.पी. रवींद्रनाथन से हार गए थे.