नई दिल्ली: आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर देश की सबसे बड़ी अदातल सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बुधवार को सुनाने जा रही है. कोर्ट के इस फैसले के बाद यह तय हो जाने वाला है कि बैंक अकाउंट्स, मोबाइल ऑपरेटर्स या फिर सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड जरूरी होगा या नहीं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पिछले चार महीने से सुनवाई चल रही है. सुनवाई पूरी होने के बाद कल यानी बुधवार को खुद मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाले हैं
बात दें कि आधार कार्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (SC) में पिछले चार महीने से सुनवाई चल रही थी. इन 4 महीनों में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने कुल 39 दिन इसी मामले की सुनवाई की है. मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इन 5 सदस्यों के बेंच में न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति अशोक भूषण समेत दीपक मिश्रा खुद इस मामले को देख रहे थे. बताना चाहेगें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने आधार की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. यह भी पढ़े: अब बिना आधार कार्ड के पवित्र गंगा घाट पर भी नहीं मिलेगी ‘मुक्ति’
गौरतलब हो कि आधार कार्ड 12 अंको की संख्या है. जिसको हर नागरिक की पहचान के तौर पर जारी किया गया है. सरकार की तरह से आदेश जारी किया गया था कि देश का हर नागरिक अपने बैंक अकाउंट्स और मोबाईल , सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड को लिंक करवाए. लेकिन मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आधार कार्ड को बैंक और मोबाइल से लिंक करने की समय सीमा अनिश्चितकाल के लिए बड़ा दी थी. लेकिन यदि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड को बैध ठहराते हुए अपना फैसला सुनाता है तो देश के सभी नागरिकों को आधार को लिंक करना जरूरी हो जाएगा.