SC On Live Streaming: अदालत की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए आम नागरिकों के घरों और दिलों तक पहुंचा- सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण ने इसे आम नागरिकों के घरों और दिलों तक पहुंचा दिया है.

Supreme Court (Photo Credit- ANI)

नई दिल्ली, 9 मई: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण ने इसे आम नागरिकों के घरों और दिलों तक पहुंचा दिया है. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का उपयोग करने की कोशिश कर रही है कि लाइव-स्ट्रीम की गई सामग्री को अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में एक साथ उपलब्ध कराया जाए, जबकि आठवें दिन समलैंगिक विवाह के लिए कानूनी मंजूरी की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है. यह भी पढ़ें: Heated Exchange In SC: सुप्रीम कोर्ट में जज एमआर शाह और वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे के बीच तीखी नोकझोंक, जानें वजह

मध्यप्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि समाज में एक मंथन चल रहा है, जो अदालती कार्यवाही का एक महत्वपूर्ण नतीजा है और देश में लोग इस बहस और लाइव स्ट्रीमिंग के कारण इस मुद्दे पर सोच रहे हैं. पीठ में शामिल जस्टिस एस.के. कौल, एस.आर. भट, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग ने वास्तव में अदालत को घरों और आम नागरिकों के दिलों तक पहुंचा दिया है.

द्विवेदी ने कहा कि एकमात्र बाधा यह है कि तर्क अंग्रेजी में होते हैं, जो एक ऐसी भाषा है जिसे गांवों में रहने वाले बहुत से लोग नहीं समझते हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उनसे कहा : आपको आश्चर्य होगा कि हम उस पर भी काम कर रहे हैं .. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने प्रशासनिक पक्ष पर भी ध्यान नहीं दिया है.

जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अब तकनीक अंग्रेजी में बोलने वाले व्यक्ति को जापानी सहित विभिन्न भाषाओं में सुनने की अनुमति देती है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की कोशिश कर रही है कि लाइव स्ट्रीमिंग सामग्री को उन भाषाओं में उपलब्ध कराया जा सके, जिनका नागरिक अनुसरण कर सकें. शीर्ष अदालत बुधवार को समलैंगिक विवाहों को कानूनी मंजूरी देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगी.

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