
Satta Matka: भारत में सट्टा मटका (Satta Matka) और जुए का धंधा (Illegal Betting) तेजी से फल-फूल रहा है. अमर उजाला की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि केवल तीन महीनों में चार बड़ी सट्टा मटका साइटों (Satta Matka Website) पर 1.6 अरब से ज्यादा विजिट दर्ज की गईं. डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध सट्टेबाजी (Illegal Satta Matka) साइटों पर ऑर्गेनिक सर्च ट्रैफिक 18.4 करोड़ हिट के पार पहुंच गया है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी सट्टेबाजी को बढ़ावा देने में पीछे नहीं हैं.
सट्टेबाजी के विज्ञापनों में जबरदस्त इजाफा
फेसबुक और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सट्टा मटका (Satta Matka) और जुए (Illegal Betting) से जुड़े विज्ञापनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. सरकारी स्तर पर कई बार इन वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है, लेकिन सट्टेबाज नए तरीके अपनाकर अपना धंधा चला रहे हैं.
देश की अर्थव्यवस्था हो रही प्रभावित
अवैध सट्टेबाजी (Satta Matka) से सिर्फ जुआरी ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. संसद की स्थायी समिति ने 2023 में अपनी रिपोर्ट में इस पर चिंता जताई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी (Online Satta Matka) का पैसा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में भी इस्तेमाल हो सकता है.
अवैध कारोबार को रोकने की जरूरत
अधिकारियों का कहना है कि इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन डिजिटल युग में यह और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है. आम जनता से अपील की जा रही है कि वे इस तरह के अवैध कार्यों से दूर रहें और जागरूकता फैलाएं ताकि समाज को इस काले धंधे से बचाया जा सके.