मुंबई में एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें एक रिटायर्ड महिला को लगभग 25 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया गया. ठगों ने खुद को पुलिस और CBI अधिकारी बताकर महिला को डराया और धोखाधड़ी से पैसे ऐंठ लिए.
क्या हुआ?
पीड़िता, जो एक मल्टीनेशनल कंपनी की पूर्व डायरेक्टर हैं, को फरवरी में एक व्हाट्सएप कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके तीन मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं. जब पीड़िता ने कारण पूछा, तो कॉलर ने उन्हें एक पुलिस अधिकारी से बात करने को कहा.
इसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड इस मामले से जुड़े पाए गए हैं. फिर, कॉल को एक कथित CBI अधिकारी को ट्रांसफर किया गया जिसने महिला को धमकाया और कहा कि अगर वह इस मामले से बचना चाहती है तो उसे दिए गए बैंक खातों में पैसे जमा करने होंगे. उसे आश्वासन दिया गया कि बाद में उसे उसके पैसे वापस मिल जाएंगे.
पीड़िता ने क्या किया?
डर और धमकियों के कारण, पीड़िता ने ठगों की बातों में आकर अपने और अपनी माँ के शेयर बेच दिए, म्यूचुअल फंड से पैसे निकाल लिए और यहाँ तक कि सोने के गहने गिरवी रखकर भी पैसे जमा किए. इस तरह, उन्होंने लगभग 25 करोड़ रुपये ठगों के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. ठगों ने पीड़िता को बताया कि यह पैसा RBI को भेजा जाएगा और वह स्थानीय पुलिस स्टेशन से पेमेंट की रसीद ले सकती है.
पुलिस जाँच और कार्यवाही
जब पीड़िता को अपने पैसे वापस नहीं मिले, तो उन्होंने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. साइबर पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है और अब तक 31 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है.
इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है?
- अनजान नंबरों से आने वाले कॉल और मैसेजेस से सावधान रहें.
- कभी भी फोन पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल्स शेयर न करें.
- सरकारी अधिकारियों से जुड़े किसी भी मामले में सीधे संबंधित विभाग से संपर्क करें.
- किसी भी तरह के धमकी भरे कॉल या मैसेज के झांसे में न आएं और तुरंत पुलिस को सूचित करें.
- याद रखें, सावधानी ही सुरक्षा है.