कोविड-19: आयुर्वेदिक व होम्‍योपैथिक दवाओं पर भी चल रहा शोध, डॉक्‍टरों की सलाह के बगैर ना लें अश्वगंधा और मुलेठी
कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

कोविड-19 के खिलाफ इस जंग में एलोपैथ दवाईयां बनाने वाली कंपनियों व प्रयोगशालाओं के साथ-साथ आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली प्रयोगशालाओं में भी दवाओं पर तेज़ी से खोज चल रही है.कई औषधियों का क्लिनिकल ट्रायल हो रहा है. इसमें ऐसी ओषधियां हैं जो हाई-रिस्क वाले इलाके के लोगों के लिए या जो आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी हैं, उन्हें दी जा सकती हैं। इससे उन्हें संक्रमण से बचाया जा सकेगा या उनके अंदर अगर वायरस प्रवेश करता है तो ये औषधि संक्रमण को शरीर में फैलने से रोकेगी. आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की मानें तो ये औषधियां जिनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, उन लोगों को दी जा रही हैं, जिन्हें हल्के लक्षण हैं और देख रहे हैं कि कितनी जल्दी ये रिकवर हो रहे हैं.

मंत्रालय के सचिव के अनुसार केवल आयुर्वेदिक दवाओं पर ही नहीं बल्कि होम्योपैथी में भी कई दवाओं पर शोध चल रहा है. देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में परीक्षण शुरू हो गया है. यूनानी में भी शोध हो रहे हैं. आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले यूनानी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी जैसी कोई भी पद्धति की दवाएं सामने आ सकती हैं.  यह भी पढ़े: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुष क्वाथ काढ़े का करें सेवन, इन आयुर्वेदिक चीजों से बनाएं सेहतमंद काढ़ा

डॉक्‍टरों की सलाह के बगैर मत लें अश्वगंधा और मुलेठी  

राजेश कोटेचा का कहना है कि इन औषधियों पर कई शोध हुए हैं और उनका रासायनिक परीक्षण भी हुआ है। जिसके बाद अलग-अलग रोगों के लिहाज से इसे लेने की सलाह दी जाती है। इस वक्त रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए इनके सेवन की सलाह दी जा रही है. लेकिन बेहतर होगा किसी आयुष डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे लें.

आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी  

आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार सभी लोगों को ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जाती है. दिन में तीस मिनट तक योग-प्राणायाम जरूर करें, खाने में हल्दी, जीरा, धनिया, आदि मसालों का प्रयोग करें. तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्का डालकर काढ़ा बनाकर पिएं. इसके अलावा च्यवनप्राश का सेवन करें. यह इम्यूनटी बढ़ाने में मदद करता है। हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं. नाक में तेल की बूंदें डालें, इससे किसी भी तरह के बैक्टीरिया अंदर नहीं जाते. अभी मौसम काफी बदल रहा है, ऐसे में कई बार गले में खराश हो जाती है, तो दिन भर में एक बार अजवायन के पानी या पुदीने के पत्ते के पानी से भाप ले सकते हैं. लेकिन इन तमाम उपायों के बीच भी सावधानी रखनी है और कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें.

आयुष संजीवनी ऐप क्या है?

आयुष संजीवनी ऐप के बारे में राजेश कोटेचा ने बताया कि आयुष मंत्रालय की जो भी एडवाइजरी हैं, वो सभी इस ऐप पर उपलब्‍ध हैं.  इसके अलावा ऐप में लोगों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं कि वो कब से एडवाइजरी का पालन कर रहे हैं उन्हें क्या फायदा हुआ.जब लोग अनुभव शेयर करते हैं तो पता चलता है कि अगर किसी को कोई परेशानी है, तो कितने दिन में ठीक हुई और गाइडलाइन्स में उन्हें किस से ज्यादा फायदा हुआ. इससे आने वाले समय में किसी को भी इस तरह की परेशानी हुई तो वह औषधियों का प्रयोग करके लाभ ले सकता है। इससे यह ऐप ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचेगा.

वायरस को मौका देता है ठंडा पानी

राजेश कोटेचा की मानें तो ठंडा पानी शरीर में अस्थाई रूप से सिस्टम को वायरस के लिए मौका देता है। इसलिए ठंडा पानी पीने से बचना है। हां गर्मी में गरम पानी अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन गरम पानी पीने का मतलब चाय जैसे गरम नहीं, गुनगुना पानी पिएं या हल्का गुनगुना कर लें। वहीं भोजन में ताजा खाना खायें, खाने में भी एक ही खाना बार-बार न खायें। अगर एक बार रोटी खा रहे हैं, तो फिर चावल खायें। दाल का प्रयोग करें, उसे भी बदलते रहें। इससे शरीर को जो भी जरूरी प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्व की जरूरत है, शरीर को मिलता रहेगा। हां पानी खूब पिएं.