Record GST Collection: जीएसटी से भरा सरकारी खजाना, इस साल 18 लाख करोड़ रुपये का हुआ कलेक्शन!
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नई दिल्ली, 1 अप्रैल: सकल जीएसटी राजस्व मार्च में बढ़कर 1,60,122 करोड़ रुपये हो गया, जो इस साल फरवरी में 1,49,577 करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, "1,60,122 करोड़ रुपये के सकल जीएसटी राजस्व में 29,546 करोड़ रुपये का सीजीएसटी, 37,314 करोड़ रुपये का एसजीएसटी, 82,907 करोड़ रुपये का आईजीएसटी (माल के आयात पर एकत्रित 42,503 करोड़ रुपये सहित) और 10,355 करोड़ रुपये का उपकर (960 रुपये सहित) शामिल है. करोड़ माल के आयात पर एकत्र)." यह भी पढ़ें: SAGAR-SETU App: केंद्र सरकार ने लॉन्च किया‘सागर सेतु’ मोबाइल ऐप, जानें इसके बारे में सबकुछ

यह चौथी बार है, जब चालू वित्तवर्ष में सकल जीएसटी संग्रह ने 1.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा संग्रह दर्ज किया गया है. इस महीने अब तक का सबसे ज्यादा आईजीएसटी कलेक्शन हुआ है. सरकार ने नियमित निपटान के तौर पर आईजीएसटी से सीजीएसटी में 33,408 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 28,187 करोड़ रुपये का निपटान किया है. आईजीएसटी निपटान के बाद मार्च में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 62,954 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 65,501 करोड़ रुपये है.

अधिकारियों ने कहा कि मार्च 2023 के महीने का राजस्व पिछले साल इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 13 प्रतिशत अधिक है. महीने के दौरान माल के आयात से राजस्व 8 प्रतिशत अधिक था और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले साल इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से राजस्व की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। मार्च 2023 के दौरान रिटर्न फाइलिंग अब तक सबसे ज्यादा रही है. मार्च 2023 तक इनवॉयस स्टेटमेंट (जीएसटीआर-1 में) का 93.2 प्रतिशत और फरवरी के रिटर्न का 91.4 प्रतिशत (जीएसटीआर-3बी में) फाइल किया गया, जबकि पिछले साल इसी महीने क्रमश: 83.1 प्रतिशत और 84.7 प्रतिशत फाइल किया गया था.

2022-23 के लिए कुल सकल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये है और पूरे वर्ष के लिए औसत सकल मासिक संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये है. 2022-23 में सकल राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक था. वित्तवर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये के औसत मासिक संग्रह क्रमश: पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में 1.46 लाख करोड़ रुपये और 1.49 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 1.55 लाख करोड़ रुपये रहा है.