Repo Rate Hike: फेस्टिव सीजन में आम आदमी को RBI ने बड़ा झटका दिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने (Repo Rate Hike) का ऐलान किया है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर (Repo Rate) को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई के इस कदम से कर्ज महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी EMI बढ़ेगी.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है. बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे पहले ये 5.40 पर था.
बढ़ेगा EMI का बोझ
.@RBI गवर्नर शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों पर मीडिया को संबोधित कर रहे हैं। pic.twitter.com/c3lfsmdgIb
— प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म (@PBNS_Hindi) September 30, 2022
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया, 'इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से कम रही, फिर भी यह 13.5 फीसदी थी और शायद प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी.'
रेपो रेट क्या है
हम बैंक से कर्ज (Loan) लेते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है. ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज लेते हैं. इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं.
रेपो रेट का आम आदमी पर असर
जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण मिलेगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं. और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे.