पीलीभीत (उत्तर प्रदेश), 23 अक्टूबर : अपने ही सौतेले बेटे और अपने पति के दोस्तों द्वारा कथित तौर पर बलात्कार की शिकार एक महिला ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. 30 वर्षीय महिला ने लिखा है कि, वह न्याय की सारी उम्मीद खो चुकी है. उसने अपने पत्र में कहा कि, 9 अक्टूबर को पूरनपुर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने जानबूझकर किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया. इसके साथ ही उसने कहा है, उसे बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे वह अपने दुर्व्यवहार के बारे में चुप रहने के लिए कह रही है.
उन्होंने पत्र में लिखा, "मैंने काफी संघर्ष किया है और मुझे नहीं लगता कि मुझे कोई न्याय मिलेगा. इसलिए, मैं आपकी (राष्ट्रपति की) अनुमति से अपना जीवन समाप्त करना चाहती हूं." महिला के मुताबिक, उसने तीन साल पहले तलाक के बाद दूसरी बार चंडीगढ़ के एक 55 वर्षीय किसान से शादी की थी, जो तलाकशुदा भी है. उसने आरोप लगाया कि, "उसके सौतेले बेटे ने अप्रैल में अवैध संबंध के लिए उससे संपर्क किया और तब से उसका बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया. सौतेले बेटे ने उसे 'परिणाम' की धमकी दी, जिसने शुरू में उसे चुप रहने के लिए मजबूर किया." यह भी पढ़ें : UP: धर्म परिवर्तन के इरादे से पांच वर्षीय बच्चे का जबरन खतना, आरोपी गिरफ्तार
उसने आगे दावा किया कि, जब वह गर्भवती हुई तो उसके पेट में बेरहमी से चोट दी गई. तब जब वह डीएनए टेस्ट के लिए जाना चाहती थी. बाद में, उसे पूरनपुर के एक निजी अस्पताल में गर्भपात के लिए मजबूर किया गया. पीड़िता ने आगे कहा कि, 18 जुलाई को उसे उसके पति के दोस्त के फार्महाउस ले जाया गया जहां उसके एक रिश्तेदार और दो साथियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. स्थानीय पुलिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी लिखित शिकायत को अनसुना कर दिया. कोई विकल्प न होने पर, उसने अदालत का रुख किया जिसने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया.
प्राथमिकी हाल ही में पूरनपुर कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई और उसके पति और सौतेले बेटे सहित पांच लोगों पर आईपीसी की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. महिला फिलहाल बरेली में अपनी मां, भाई और छह साल के बेटे के साथ रहती है. इस बीच, पुलिस अधीक्षक, दिनेश कुमार प्रभु ने कहा, "यह तथ्यों और सबूतों की परतों के साथ एक जटिल मामला है. हम एक निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद, तदनुसार कार्रवाई की जाएगी."