Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर का उद्घाटन भारतीयों के लिए 'त्योहार' है: कुमारस्वामी
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बेंगलुरु, 11 जनवरी : पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन सभी भारतीयों के लिए एक "त्योहार" है, क्योंकि देश के लोग लंबे समय से चाहते थे कि इसका निर्माण हो. कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने के फैसले पर कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) बताना चाहिए कि वे इस कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ''उनके फैसलों और मेरे बीच कोई संबंध नहीं है.'' कुमारस्वामी ने कहा कि जद (एस) ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन किया है, लेकिन उम्मीदवारों और निर्वाचन क्षेत्रों पर निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा, एक बार बातचीत खत्म हो जाए तो उम्मीदवार तय कर लिए जाएंगे और एक बार फैसला हो जाए तो कोई भ्रम नहीं रहेगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा.

राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "हमें पार्टी के आदेशों का पालन करना होगा. चूंकि आलाकमान ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, इसलिए हम नहीं जाएंगे." राज्य के सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने कहा कि नेताओं ने बताया है कि राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होने का निर्णय क्यों लिया गया है. "हजारों वर्षों से हर गांव और शहर में एक राम मंदिर रहा है. अयोध्या राम मंदिर की विशिष्टता यह है कि यह भगवान राम के जन्म स्थान पर बनाया गया है. वाल्मिकी रामायण के लेखक हैं. यह सभी समुदायों की मांग है कि वाल्मिकी मंदिर अयोध्या में बनना चाहिए." यह भी पढ़ें :‘Honour Killing’ Cases: तमिलनाडु पुलिस ने ‘ऑनर किलिंग’ मामले में दंपति को गिरफ्तार किया, पुलिसकर्मी निलंबित

राजन्ना ने कहा, "हम अयोध्या गए थे जब रामलला की तंबू में पूजा की जा रही थी. हम भविष्य में राम मंदिर जाएंगे. यह एक व्यक्तिगत निर्णय है." राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री आर.बी. तिम्मापुर ने कहा कि हिंदू धर्म किसी की संपत्ति नहीं है. "हम दलितों को मंदिरों के बाहर खड़ा कर दिया जाता है. लोग हमें अंदर नहीं बुलाते." तिम्मापुर ने कहा,"ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि हमें अयोध्या जाना चाहिए. हम यहां से सम्मान दे सकते हैं. जो लोग हिंदुत्व के बारे में बात करते हैं उन्हें दलितों के बारे में बोलना चाहिए. उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हिंदू की उनकी परिभाषा में दलित शामिल हैं. अगर दलितों ने कोई जगह बनाई है, तो भाजपा को शिष्टाचार सिखाना चाहिए."