लखनऊ, 2 जनवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के लिए राज्य सरकार के स्तर से सभी आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का सुअवसर भी है.
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है. हर कोई अयोध्या आना चाहता है. पूरा देश राममय है. यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का सुअवसर भी है. उन्होंने कहा कि यह श्रीराम मंदिर 'राष्ट्रमन्दिर' के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा. 22 जनवरी को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा. हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में रामज्योति प्रज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा. यह सब अभूतपूर्व है. भावुक करने वाला है. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी तीन जनवरी को केरल में दो लाख महिलाओं की एक जनसभा को संबोधित करेंगे
प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु/पर्यटक अवधपुरी आएंगे. उन्हें अलौकिक अनुभूति हो, इसके लिए उत्कृष्ट आतिथ्य की सभी व्यवस्थाएं की जाएं. कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश से गणमान्य जनों का आगमन हो रहा है. ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की जानी चाहिए. श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबंधन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं.
योगी ने कहा कि आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है. सभी को इस पर काम करना होगा. राज्य सरकार द्वारा अवधपुरी में संचालित किए जाने वाले भोजनालय/भंडारा को 'माता शबरी' के नाम पर स्थापित किया जाए. इसी प्रकार रैन बसेरे को 'निषादराज गुह्य अतिथि गृह' के रूप में विकसित किया जाएगा. अन्य भवनों के नामकरण भी रामायणकालीन चरित्रों के नाम पर किये जाएँगे.
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के उपरांत अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा. उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में विभिन्न भाषाओं में साइनेज लगाए जाएं. संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की नौ भाषाओं में साईनेज हों. प्रयागराज-अयोध्या,गोरखपुर- अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर स्मार्ट साइनेज लगाये जाएं. विभिन्न भाषाओं में सूचना प्रसारित हो. इन मार्गों पर अतिक्रमण कतई न हो. स्वच्छता हो. रेहड़ी-पटरी व्यवसायी न हो. क्रेन, एम्बुलेंस की उपलब्धता हो.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं/पर्यटकों को अयोध्या आगमन के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी लखनऊ से वॉल्वो बसों और हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने के लिए तैयारी करें. अयोध्या में तीन हेलीपैड तैयार हैं, इनका समुचित उपयोग होना चाहिए. अयोध्या की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता. प्राण प्रतिष्ठा समारोह तथा उसके बाद अयोध्या में सतत रूप से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. सेफ सिटी की परियोजना को बिना देरी तत्काल लागू करें. सीसी टीवी कैमरे लगवाएँ. 22 जनवरी से पहले अयोध्या की आईसीसीसी एक्टिव करें.
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के परंपरागत रूपों पर आधारित देश के विभिन्न प्रान्तों/विभिन्न देशों में होने वाली रामलीलाओं की प्रस्तुति कराई जाए. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमांचल प्रदेश उत्तराखण्ड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख एवं चंडीगढ़ आदि प्रदेशों में इसकी समृद्ध संस्कृति है. नेपाल, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि की रामलीला मण्डलियों को भी आमंत्रित किया जाए. सार्वजनिक प्रसाधन स्थलों की नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए. फ्यूल पम्पों पर प्रसाधन कक्षों की साफ-सफाई सुनिश्चित कराएं. अयोध्या के मंदिरों 14 से 24 मार्च 2024 भजन कीर्तन, अनवस्त रामायण / रामचरित मानस का पाठ/सुन्दरकाण्ड आदि के कार्यक्रम भी आयोजन कराया जाना चाहिए.