बेंगलुरू: जनता दल (एस) के संरक्षक एच. डी. देवेगौड़ा ने मंगलवार को कर्नाटक से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनावों के लिये नामांकन पत्र दाखिल किया. राज्य में 19 जून को राज्यसभा चुनाव होना है. पूर्व प्रधानमंत्री के साथ इस मौके पर उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी, पूर्व मंत्री एच. डी. रेवन्ना, प्रदेश जद (एस) अध्यक्ष एच. के. कुमारस्वामी और अन्य मौजूद थे. देवेगौड़ा ने अपना नामांकन पत्र विधानसभा सचिव एम. के. विशालाक्षी के समक्ष दाखिल किया, क्योंकि वह राज्यसभा चुनाव के लिये निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किये गये हैं. जनता दल(एस) ने सोमवार को देवेगौड़ा को पार्टी का राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया था.
इस निर्णय की घोषणा करते हुये कुमारस्वामी ने कहा था कि देवेगौड़ा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विभिन्न राष्ट्रीय नेताओं एवं पार्टी विधायकों के आग्रह के बाद राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिये तैयार हुये हैं.नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद देवेगौड़ा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और समान विचारधारा वाले कई राजनीतिक दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया, जो चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे. यह भी पढ़े : उपराज्यपाल के केजरीवाल के फैसले को पलटने पर राजनीति जारी, संजय सिंह बोले-खट्टर और योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं बिलकुल फेल; दबाव में बदला गया आदेश.
देवेगौड़ा ने उनके नामांकन पत्र दाखिल करने के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुमारस्वामी ने कांग्रेस के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल को सूचित किया, ‘‘जद (एस) विधायक दल ने मुझे (देवेगौड़ा को) चुनाव में उतारने का निर्णय किया है, जो चाहते थे कि मैं सीधे सोनिया गांधी से सीधे बात करूं.उन्होंने कहा कि रविवार को उन्होंने सोनिया गांधी से बात की और उनसे कहा कि पार्टी के दबाव और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए वह नौ जून को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने खुशी जताई और पूर्ण समर्थन का वादा किया.
उन्होंने कहा कि वामपंथी दल, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और कई अन्य मित्र चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूंकुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि सोनिया गांधी ने रविवार को देवेगौड़ा को नामांकन पत्र दाखिल करने की सलाह दी, जिसके बाद वह सहमत हुए।साथ ही कई अन्य राष्ट्रीय नेता चाहते थे कि ‘‘देश की स्थिति को देखते हुए’’ वह राज्यसभा में आएं।यह पूछने पर कि क्या उन्होंने राज्य के किसी कांग्रेसी नेता से बात की तो कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है क्योंकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर पर्चा दाखिल हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के निर्देश के बाद समर्थन देने के लिए मैं कांग्रेस में हर किसी का धन्यवाद करता हूं.
कांग्रेस और जद (एस) ने कुमारस्वामी के नेतृत्व में राज्य में सरकार चलाई थी लेकिन अंदरूनी कलह की वजह से दोनों की राहें जुदा हो गईं.कर्नाटक विधानसभा में जद (एस) के पास 34 सीट है और अकेले अपने दम पर चुनाव जीतने की स्थिति में पार्टी नहीं है और यह चुनाव जीतने के लिये उसे कांग्रेस के मदद की आवश्यकता होगी .एक उम्मीदवार को जीतने के लिये कम से कम 45 वोट की आवश्यकता है।देवेगौड़ा अगर जीतते हैं तो राज्यसभा का यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. इससे पहले वह 1996 में राज्यसभा गये थे, जब वह प्रधानमंत्री बने थे ।पिछले साल हुये आम चुनाव में देवेगौड़ा प्रदेश के तुमकुर लोकसभा सीट से भाजपा के जी. एस. वसवराज से 13 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गये थे.
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