Rail Budget 2022: रेलवे बजट में होगा हाई स्पीड ट्रेनों का ऐलान, विद्युतीकरण पर और ज्यादा जोर
रेलवे बजट (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली: रेल बजट (Rail Budget) में आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के अवसर पर देश के हर कोने को जोड़ने के लिए इस साल लंबी दूरी वाली सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों (Semi-High Speed ​​Trains) का होगा ऐलान. इसके साथ ही भरतीय रेलवे (Indian Railways) के विद्युतीकरण (Electrification) पर जोर दिया जायेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को अपना चौथा बजट (Budget) पेश करेंगी. जोकि 2017 में केंद्रीय बजट (Union Budget) में रेल बजट (Rail Budget) के विलय के बाद से छठा संयुक्त बजट होगा. भारतीय रेलवे के बजट में इस वर्ष के बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने की उम्मीद है. Budget 2022: 38 फीसदी लोगों ने कहा, सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर उम्मीद से ज्यादा खराब प्रदर्शन किया

सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों की शुरूआत से लेकर रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण तक, आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलने की संभावना है. पिछले साल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की थी कि आजादी का अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 नई सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिसके माध्यम से देश के हर कोने को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जायेगा.

साथ ही बजट में नई ट्रेन सेवाओं की शुरूआत के अलावा, दोहरीकरण और नई लाइनें बिछाने की योजना का भी ऐलान होगा. रेल बजट में एलएचबी कोचों को बढ़वा, पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं की शुरूआत आदि शामिल होने की संभावना है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार भारतीय रेल नेटवर्क का तेजी से आधुनिकीकरण कर रही है. पिछले सात वर्षों में 24 हजार किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया गया है. इसके अलावा, नई रेल लाइन बिछाने के साथ-साथ दोहरीकरण कार्य तेजी से प्रगति पर है.

राष्ट्रपति कहा कि दो नए पुनर्विकसित वर्क-क्लास स्टेशन- गुजरात राज्य में गांधीनगर रेलवे स्टेशन और मध्य प्रदेश में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को भी स्थापित किया गया है. इसके अलावा, कश्मीर में चिनाब नदी पर रेलवे आर्क ब्रिज एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन रहा है.

इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी रेल नेटवर्क का विस्तार हुआ है. अब पूर्वोत्तर के राज्य भी रेलवे के नक्शे पर उपलब्ध हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि बुनियादी ढांचे-विकास कार्यों को और गति देने के लिए, सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज को प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के रूप में एक साथ जोड़ा है.

वहीं सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट को भविष्य के लिए तैयार रखने और रेलवे प्रणाली को राष्ट्रीय विकास के इंजन के रूप में उभरने में मदद करने वाली परियोजनाओं को शुरू किया जायेगा. इसके तहत अगले दशक में रेलवे में पूंजीगत व्यय का तेजी से विकास किया जायेगा.

सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तक रेलवे नेटवर्क के क्षमता विस्तार के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है, ताकि 2050 तक विकास को पूरा किया जा सके. इसमें भविष्य के लिए तैयार रेलवे प्रणाली के निर्माण की परिकल्पना की गई है. ये न केवल यात्रियों की मांग को पूरा करने में सक्षम है बल्कि माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी को 26-27 फीसदी के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 40-45 फीसदी तक बढ़ाया जायेगा.

58 परियोजनाओं को सुपर क्रिटिकल के रूप में पहचाना गया है और इन्हें दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 68 परियोजनाओं को क्रिटिकल के रूप में पहचाना गया है और इन्हें मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ये परियोजनाएं उन मार्गों पर क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित हैं जो बंदरगाहों और प्रमुख खपत केंद्रों के साथ-साथ प्रमुख खनिज, औद्योगिक केंद्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

इनके अलावा परियोजनाओं के लिए, रेल मंत्रालय ने दिसंबर 2023 तक अपने नेटवर्क के 100 फीसदी विद्युतीकरण को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता गलियारों को 160 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड करने और गोल्डन क्वाड्रिलेटरल मार्गों पर समपारों को समाप्त करने का भी लक्ष्य रखा है. विजन 2024 की परियोजनाओं के तहत, दशक के उत्तरार्ध में, नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और हाई स्पीड पैसेंजर कॉरिडोर को चालू करने के अलावा, भीड़भाड़ वाले मार्गों के मल्टीट्रैकिंग और सिग्नलिंग अपग्रेडेशन का लक्ष्य रखा गया है.