भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में 5 राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों की पहली खेप को आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से शामिल किया गया. इस दौरान फाइटर प्लेन राफेल (Rafale) को अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) पर वाटर कैनन (Water Cannon) से सलामी दिया गया. इसी के तहत फ्रांस से आए 5 राफेल विमान अंबाला वायुसेना स्टेशन पर औपचारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हो गए. इस दौरान अंबाला एयरबेस पर पर राफेल विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के कार्यक्रम में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले मौजूद थे. भारत की रक्षा ताकत में अहम रोल अदा करने वाला राफेल वायुसेना के 17 वें स्क्वाड्रन, "गोल्डन एरो" का हिस्सा होगा.
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि Air Force में Rafale का शामिल होना, एक महत्त्वपूर्ण एवं एतिहासिक क्षण है और हम सब देशवासियों के लिए इस एतिहासिक पल का गवाह बनना, गौरव का विषय है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज इनका परिचय पूरी दुनिया, ख़ासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है. हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना है, या मैं सीधा कहूं कि बनाया गया है, उनके लिहाज़ से यह बहुत अहम है.
ANI का ट्वीट:-
The speed at which IAF deployed its assets at forward bases creates confidence that our Air Force is fully prepared to fulfil its operational obligations: Defence Minister Rajnath Singh https://t.co/67lrE1f2XH
— ANI (@ANI) September 10, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायु सेना, military deterrence बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आपकी कार्रवाई किसी भी भावी युद्ध में निर्णायक होगी. जहां एक ओर हमारी भौगोलिक सीमाओं पर कायम परिस्थिति ने हमारा ध्यान खींचा है, हमें स्पोंसर्ड टेररिज्म (Sponsored Terrorism) के खतरे को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इस दौरान उन्होंने चीन और भारत के रिश्तों पर कहा कि आप हमारे नॉर्थन बोर्डर्स (Northern borders) पर सुरक्षा चैलेंज (security challenges) से भली-भांति अवगत हैं. ऐसे में अपनी राष्ट्र, और वैल्यूज (values) की सुरक्षा के लिए हमें और अधिक मुस्तैदी से तैयार रहना होगा. हमारी चौकसी ही हमारी सुरक्षा का सबसे पहला उपाय है.
राफेल वाटर कैनन सेल्यूट: देखें वीडियो
#WATCH: Water cannon salute given to the five Rafale fighter aircraft at Ambala airbase. #Haryana pic.twitter.com/SB9jhyp1Ox
— ANI (@ANI) September 10, 2020
पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा था. राफेल का आना भारतीय सेना के लिए बेहद खास माना जा रहा है. वहीं चीन और पाकिस्तान दोनों की नींद उड़ी है. दरअसल गलवान घाटी में 15 जून को हुए एक खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो चुके हैं और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक भी मारे जा चुके हैं. उसके बाद से भारत और चीन में ठनी है. ऐसे में राफेल की तैनाती इनके लिए काल की तरह होगी.