मोहाली: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने छात्रों के सुनहरे भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए 117 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' (School Of Eminence) को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए शनिवार को कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक वास्तविक अग्रणी बनने की दिशा में एक बड़ी छलांग है. मुख्यमंत्री ने यहां स्कूल ऑफ एमिनेंस (Education School Of Eminence) के उद्घाटन के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान पंजाब को केवल कागज पर शिक्षा में अग्रणी राज्य दिखाया गया था. हालांकि, उन्होंने कहा कि अब राज्य वास्तव में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में देश का नेतृत्व करेगा.
सीएम मान ने कहा कि सरकारी स्कूल बुनियादी ढांचे और जनशक्ति के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पिछली सरकारों ने फर्जी आंकड़े पेश कर लोगों को गुमराह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि इन सरकारों ने शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की उपेक्षा की, इसलिए राज्य इस शिक्षा में पिछड़ गया. Who is Shahrukh Khan? 'शाहरुख खान कौन है, मैं नहीं जानता', पठान विवाद पर सीएम हिमंता ने दी तीखी प्रतिक्रिया
सीएम ने आगे कहा कि कई छात्रों को अपनी शिक्षा बीच में छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है जिससे उनका उज्जवल भविष्य बर्बाद हो जाता है. संसाधनों की कमी और पिछली सरकारों की ढिलाई के कारण लड़कियां अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश के 23 जिलों में स्थापित किए जा रहे ये 117 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मंदिर हैं. इन स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के होनहार छात्रों के सपनों को पंख देना है. मान ने कल्पना की कि ये स्कूल देश भर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को अपने कॉन्वेंट शिक्षित साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये विद्यालय हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को संजोने के लिए स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने इन स्कूलों का नाम उन महान शहीदों और राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर रखने की भी घोषणा की, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी जान दी. मान ने कहा कि यह पहल देश को आजादी दिलाने वाले इन प्रतिष्ठित नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने कल्पना की कि वह दिन दूर नहीं जब ये सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देंगे.
मान ने कहा कि छात्रों के अभिभावक अब अपने बच्चों को निजी स्कूलों की तुलना में इन्हीं स्कूलों में भेजना पसंद करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे स्कूलों ने पहले ही दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. उन्होंने कहा कि अब पंजाब की बारी है जहां इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा. सभा को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है.