पंजाब: मोहाली में एक गैर सरकारी संगठन, गौरी शंकर सेवा दल ने दिवाली से पहले, गोबर से मूर्तियाँ और के दीये बना रहा है. एनजीओ के निदेशक रमेश शर्मा कहते हैं, "अन्य प्रकार की मूर्तियों के विपरीत, ये विसर्जन के दौरान बेकार नहीं जाएंगे. पानी के साथ वे खाद के रूप में कार्य कर सकते हैं." उन्होंने कहा चंडीगढ़ और मोहाली में हमारी गौशालाओं में 1000 गाय हैं. हमने गाय के गोबर का उपयोग करने का फैसला किया और इससे स्टिक्स और फ्लावर पॉट्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया. इनसे हमने गणेश जी की मूर्तियां भी बनाई हैं. इन मूर्तियों को बेचने का हमारा कोई इरादा नहीं है. लोग हमारे पास आते हैं और उन्हें ले जाते हैं. यदि वे भुगतान करना चाहते हैं तो हम उन्हें उन पैसों से गायों को चारा खिलाने के लिए कहते हैं: रमेश शर्मा ने कहा. यह भी पढ़ें: Diwali 2020: दीपावली से पहले गाय के गोबर से दीये बनाने की अनूठी पहल
बता दें कि राजस्थान में भी कुछ महिलाओं के ने मिलकर गाय के गोबर से दिवाली के दिये बनाये. दरअसल दिवाली को इको फ्रेंडली बनाने के लिए गाय के गोबर से दीये बनाए जा रहे हैं.
देखें ट्वीट:
We have 1000 cows each in our cowsheds in Chandigarh & Mohali. We decided to utilise the cow dung & used to make sticks & flower pots. We don't intend to sell these idols. People come to us & take them. If they want to pay we ask them to feed cows with the amount: Ramesh Sharma https://t.co/XF0anOG3Z0
— ANI (@ANI) November 1, 2020
छत्तीसगढ़ राज्य में गाय के गोबर से दिये बनाए जाते हैं. यहां की महिलाओं द्वारा गोबर से बनाई गई दीयों में कलाकृतियां और आकर्षक रंगों से सजे दीये तैयार किये जाते रहे हैं. पूजन सामग्री के रूप में ओम, श्री, स्वास्तिक, छोटे आकार की मूर्तिया, हवन कुंड, अगरबत्ती स्टैण्ड आदि अनेक उत्पाद बनाये जाते हैं.