Corona vaccination: प्रधानमंत्री मोदी ने की कोविड टीकाकरण की शुरुआत, कहा, 'झूठे प्रोपेगेंडा पर ध्यान न दें'
पीएम मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 16 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को देश में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान शुरू किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश बेसब्री से इस दिन का इंतजार रहा था. खुशी की बात है कि बहुत कम समय में ही कोरोना की वैक्सीन आ गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन इतने कम समय में एक नहीं बल्कि दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन (Maid in india vaccine) बना ली गई हैं. इतना ही नहीं कई और वैक्सीन पर भी तेजी से काम चल रहा है." प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वैज्ञानिक और वैक्सीन रिसर्च से जुड़े लोग विशेष रूप से प्रशंसा के हकदार हैं जो पिछले कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में दिन-रात जुटे रहे थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से वैक्सीन को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की. उन्होंने कहा कि विश्व भर में विभिन्न प्रकार की 60 प्रतिशत जीवन रक्षक वैक्सीन भारत से निर्यात की जाती है. भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से जांच-परख कर कोरोना वैक्सीन तैयार की है. देशवासियों से मेरी अपील है कि वैक्सीन के खिलाफ किए जा रहे झूठे प्रोपेगेंडा पर ध्यान न दें. यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और कोरोना को हराने में कारगर है. भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वैक्सीन बनाए जाने की उपलब्धियों पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित एक कविता की पंक्तियां सुनाते हुए कहा, "मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है." यह भी पढ़े : Corona Vaccine: पुड्डुचेरी के सीएम ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- लोगों में भरोसा जगाने के लिए सबसे पहले नेताओं-मंत्रियों को लगे टीका

प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक भारत का टीकाकरण अभियान मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है. जिन लोगों को कोरोना के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है, उन्हें सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा. हमारे डॉक्टर, नर्स, अस्पताल के सफाई कर्मी है, मेडिकल पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना की वैक्सीन पाने के सबसे पहले हकदार हैं. चाहे वह सरकारी अस्पताल के हों हो या प्राइवेट अस्पताल के, सभी को यह वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी. इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा जिन पर जरूरी सेवाओं जैसे कि देश की रक्षा या कानून व्यवस्था कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है. इनमें हमारे सुरक्षा बल, पुलिस, फायर ब्रिगेड, सफाई कर्मचारी आदि को यह वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी. इन सभी के व्यक्तियों के वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस टीकाकरण अभियान की पुख्ता तैयारियों के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से देश के कोने-कोने में ट्रायल्स किए गए हैं. ड्राई रन हुए हैं, विशेष प्लेटफार्म पर टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है. आपको पहला टीका लगने के बाद दूसरी डोज कब लगेगी इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी. मैं सभी देशवासियों को आज फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है. एक डोज ले लिया और फिर भूल गए ऐसी गलती मत करना." विशेषज्ञों के मुताबिक पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग 1 महीने का अंतराल रखा जाएगा. आपको यह भी याद रखना है की दूसरी डोज लगाने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना से रक्षा के लिए जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी. इसलिए टीका लगते ही आप असावधानी न बरतने लगें. मास्क निकाल कर न रख दें. 2 गज की दूरी न भूल जाए. यह भी पढ़ें : Coronavirus Vaccine Update: पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी से की गरीबों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एक और चीज का आग्रह करना चाहूंगा कि जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया वैसा ही धैर्य अब वैक्सीनेशन के समय भी दिखाना है. इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया. यह अभियान इतना बड़ा है इसका अंदाज आप सिर्फ पहले चरण से ही लगा सकते हैं. दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश है जिनकी जिनकी जनसंख्या 1 करोड़ से कम है और भारत अपनी वैक्सीनेशन के पहले चरण में ही पहले चरण में ही तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है. दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है." बता दें कि प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान ऐसे समय में शुरू किया जब देश में पिछले 24 घंटों में 15,158 नए मामले दर्ज होने के बाद कुल मामलों की संख्या 1,05,42,841 तक पहुंच गई है. देश में 1,52,093 मौतें हो चुकी हैं. 1,01,79,715 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं और वर्तमान में देश में 2,11,033 सक्रिय मामले हैं. देश में रिकवरी दर 96.56 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है.