राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के साथ ही तीन तलाक बिल बना कानून, 18 सितंबर 2018 से माना जाएगा लागू
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Photo Credits : Getty)

ट्रिपल तलाक बिल (Triple Talaq bill) को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने मंजूरी दे दी है. ट्रिपल तलाक का यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा. लोकसभा (Lok Sabha) के बाद अब राज्यसभा (Rajya Sabha) से भी तीन तलाक बिल पास हो गया है. बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े. इससे पहले विपक्ष की बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग भी सदन में गिर गई थी. बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके और टीडीपी जैसे कई दलों के वोटिंग न करने से बिल आसानी से पास हो गया.

बता दें कि तीन तलाक बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत करते हुए कहा था कि कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया है. आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है. सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है. इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं.

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इस बिल के अनुसार तत्काल तीन तलाक (Triple Talaq) अपराध संज्ञेय यानी इसे पुलिस सीधे गिरफ्तार कर सकती है. लेकिन यह तभी संभव होगा जब महिला खुद शिकायत करेगी. इसके साथ ही खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार रहेगा. पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं कर सकता है. इस बिल के अनुसार तीन तलाक (Triple Talaq) देने पर पति को तीन साल की सजा का प्रावधान रखा गया. वही इस बिल में मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) को अमान्य करार दिया गया है.

तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) 26 जुलाई को इसी सत्र में लोकसभा से पास हो चुका था. मोदी सरकार (Modi Govt) पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को पारित कराने की कोशिश में जुटी थी. पिछली लोकसभा (Lok Sabha) में पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था, जिसके बाद सरकार इसके लिए अध्यादेश लेकर आई थी.