नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने में देरी को लेकर विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया आए दिन बीजेपी या फिर आरएसएस पर हमला करके निशाना साधते रहते है. इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर तोगड़िया का एक बड़ा बयान आया है. तोगड़िया का कहना है जब उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत और मोदी सरकार से मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की थी, तो उस समय उन्हें चुप करा दिया गया. लेकिन आज जब पांच राज्यों के चुनाव नजदीक आ गए हैं. बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन से उसे लग रहा है कि वह हार जाएगी ऐसे में इस मुद्दे कोआरएसएस फिर से उठा रही हैं. ऐसा करके संघ प्रमुख इस मुद्दे पर दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. जो गलत है.
शुक्रवार को अमर उजाला से बातचीत के दौरान अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के कुछ दिन बाद उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर लिए कुछ शीर्ष लोगों के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. उस दौरान मोहन भागवत ने इस मुद्दे पर उन्हें कुछ दिन शांत रहने के लिए कहा था. जो वे कुछ दिन वे इस मुद्दे पर वे शांत हो गए थे. लेकिन दुबारा से फिर जब मैंने इस मुद्दे पर बातचीत करना चाह तो उन्हें फिर से चुप करवा दिया गया. यह भी पढ़े: मंदिर निर्माण पर बोले प्रवीण तोगड़िया, कहा- उत्तर प्रदेश सरकार ने राम के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है
ऐसे में अब संघ प्रमुख को यदि मंदिर निर्माण की याद आ रही है तो उसके पीछे ख़ास वजह यह है कि बीजेपी सरकारों ने अपने राज्यों में और केंद्र में बेहद खराब प्रदर्शन किया है, उनकी स्थिति खराब हो गई है. ऐसे में जनता से समर्थन पाने के लिए अब यह मुद्दा उछाला जा रहा है. क्योंकि मौजूदा सरकार ने किसानों, छात्रों, बेरोजगारों और उद्योग क्षेत्र में बेहद खराब प्रदर्शन किया है.
वहीं बातचीत के दौरान तोगड़िया ने कहा कि 21 अक्टूबर से उन्होंने अयोध्या यात्रा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी. जो कि उनकी यह यात्रा पूर्णतः लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और अहिंसक रहती. इसके बाद भी प्रशासन ने उन्हें उनकी यात्रा के दो दिन पहले यात्रा की इजाजत नहीं दिया. उलटे अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी गई है. यह भी पढ़े: राम मंदिर हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं, यह तो भारत का प्रतीक है: मोहन भागवत
विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) के पूर्व नेता तोगड़िया का कहना है कि संघ प्रमुख भागवत का यह भी डबल स्टैण्ड है कि एक तरफ तो वे खुद अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें उसी मंदिर के लिए अहिंसक और लोकतांत्रिक यात्रा जब वे निकलना चाहतें है तो उन्हें निकालने नही दिया जाता है.