उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक नया विवाद खड़ा कर दिया. यह विवाद उनके कथित तौर पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के हर परिवार से 11 रुपये व एक पत्थर मांगे जाने की वजह से खड़ा हुआ है. यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री कद के किसी भाजपा नेता ने मंदिर के निर्माण के लिए लोगों से योगदान देने को कहा है. मुख्यमंत्री ने झारखंड में चुनाव रैली के दौरान यह बात कही. वह भाजपा उम्मीदवार नागेंद्र महतो के लिए जनसभा को संबोधित कर रहे थे. आदित्यनाथ, बागोदर में रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 500 साल पुराने विवाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से सुलझाया जा सका.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस, राजद, भाकपा-माले व कुछ अन्य पार्टियां लंबे समय से चले आ रहे विवाद का हल नहीं चाहती थीं." उन्होंने कहा, "बहुत जल्द अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनेगा. हर परिवार को राम मंदिर के लिए 11 रुपये व एक पत्थर का योगदान देना चाहिए." झारखंड चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार को वोट देने के लिए लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं उस प्रदेश से आता हूं जिसने भगवान राम दिया और उनके शासन की प्रणाली को रामराज्य कहा गया, एक प्रणाली जिसमें नीतियां गरीब, युवा, महिला और समाज के हर तबके को ध्यान में रखते हुए बगैर भेद के बनाई जाती हैं. वही कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है."
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योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह, हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई व पारसी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में यातना दी गई और शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं, कांग्रेस, राजद, भाकपा-माले जैसी पार्टियां इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री की बात दोहराते हुए कहा, "कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोलती है."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन पार्टियों-कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन पर हमला किया और कहा कि वे गरीब, युवा और समाज के अन्य लोगों की सेवा किए बगैर किसी तरह सत्ता पाना चाहते हैं.