नागरिकता कानून पर ममता बनर्जी को बयान देना पड़ सकता है भारी, कोलकाता हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर
ममता बनर्जी की बढ़ सकती है मुश्किलें ( फोटो क्रेडिट- PTI )

नई दिल्ली:- देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act, 2019) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई राज्यों के सीएम ने तो इसे लागू करने से मना कर दिया है. जिसमें से एक पश्चिम बंगाल (West Bengal) भी है. बंगाल में दिल्ली की तरह उग्र प्रदर्शन देखने को मिला. वहीं अब सीएम ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के बयान पर कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) में रिट याचिका (Writ Petitions) दायर की गई है. याचिका में कहा गया कि सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि सूबे में नागरिकता संशोधन कानून नहीं लागू किया जाएगा. जिसके लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा मीडिया में विज्ञापन दिया गया. बता दें कि ममता बनर्जी ने सोमवार को लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की गतिविधि और नए नागरिकता कानून (सीएए) के राज्य में क्रियान्वयन को अनुमति नहीं देने को लेकर लोगों को संकल्प दिलाया था. ममता ने कहा था, जब तक मैं जिंदा हूं, मैं एनआरसी और नागरिकता कानून कभी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करूंगी.

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार पांचवें दिन मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी रहा. उत्तर 24 परगना के बसीरहाट में प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस ने राज्यभर में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हिंसा के लिए अभी तक करीब 354 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. उत्तर बंगाल जाने वाली कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या उनके समय में परिवर्तन किया गया है.

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वहीं बीजेपी ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई गई. वहीं सूबे के बीजेपी अध्यक्ष ने दिलीप घोष ने कहा था कि जिस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन राज्य में हो रहा है, वह दर्शाता है कि एनआरसी और नागरिकता कानून लागू करना जरूरी है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मुर्शिदाबाद में क्षतिग्रस्त रेलवे स्टेशनों को देखने पहुंचे थे. जिसके बाद उन्होंने यह कहते हुए राज्य सरकार पर प्रहार किया किया था कि वह हिंसा को काबू में करने में विफल रही.