भीमा कोरेगांव हिंसा: महाराष्‍ट्र पुलिस का बड़ा खुलासा, माओवादी चाहते थे कानून-व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार गिराना
महाराष्‍ट्र के एडीजी (कानून और व्‍यवस्‍था) परमवीर सिंह (Photo Credit-ANI Twitter)

मुंबई: माओवादियों के 'शुभचिंतकों' के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई पर देशभर में मचे बवाल के बीच महाराष्‍ट्र पुलिस ने अपनी कार्रवाई को जायज ठहराया है. महाराष्‍ट्र के एडीजी (कानून और व्‍यवस्‍था) परमवीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है. यही नहीं छापे के दौरान कई महत्‍वपूर्ण सबूत मिले हैं. साथ ही एडीजी (ADG) कहा कि रेड के दौरान बहुत सा साहित्य सीज किया गया है. उन्‍होंने कहा कि सबूतों के मुताबिक सीपीआई माओवादी की साजिश थी कि कानून व्‍यवस्‍था को बिगाड़ा जाए और उसके बाद सरकार को पलटा जाए. इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है.

गौरतलब है कि गिरफ्तारियों के बाद सरकार पर लगातार हो रहे चौतरफा हमलों का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने स्पष्ट किया है कि इन सबको नक्सल आंदोलन से संबंध रखने के कारण गिरफ्तार किया गया है. यदि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होता, तो यह कार्रवाई नहीं की गई होती. यह भी पढ़े-भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर देशभर में छापा, वामपंथी विचारकों के ठिकानों पर कार्रवाई जारी

महाराष्ट्र के एडीजी  परमवीर सिंह ने आगे बताया कि छापेमारी की वीडियोग्राफी की गई है. सीज के बाद कॉपी आरोपियों को भी दी गई. पंचनामा सही तरीके से किया गया. उन्‍होंने कहा कि सबूतों को फरेंसिंक जांच के लिए भेजा गया है. यह भी पढ़े-पुणे पुलिस का बड़ा खुलासा- राजीव गांधी की तर्ज पर रची जा रही थी पीएम मोदी की हत्या की साजिश

वही दूसरी तरफ पुलिस ने कहा कि मामले की जांच 8 जनवरी से शुरू की गई थी. इसके बाद 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई.

बता दें कि पांच माओवादी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मामले में केंद्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है. यह भी पढ़े-भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर देशभर में छापा, वामपंथी विचारकों के ठिकानों पर कार्रवाई जारी

मानवाधिकार आयोग के नोटिस में कहा गया है कि अखबारों में छपी खबरों से पता चला है कि मंगलवार को गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से पहले उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है. इससे गिरफ्तार लोगों के मानवाधिकारों का हनन हुआ है.