हरिद्वार : विश्व हिंदू परिषद (Vishva Hindu Parishad) ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र से रामभक्तों की आशाओं के अनुरूप अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करने का आह्वान किया. कल से यहां शुरू हुई विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन आज अयोध्या (Ayodhya) में रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का मामला छाया रहा.
देशभर से आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार आये संतों का कहना था कि मंदिर को भव्यता देने का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ होना चाहिए. बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि, “देश का संत समाज सरकार से आह्वान करता है कि भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करे जिससे करोड़ों राम भक्तों की आशाओं के अनुरूप श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण हो सके.’’
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प्रस्ताव में कहा गया है कि 'श्रीराम जन्मभूमि न्यास’ ही मन्दिर का निर्माण करेगा. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि न्यायपालिका को भी अपनी जिम्मेदारी से मुँह नहीं मोड़ना चाहिए. उसमें कहा गया है कि यह विषय राष्ट्रीय महत्व का होने के बावजूद 2011 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है. परमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में आचार्य अविचल दास द्वारा रखे गये प्रस्ताव में कहा गया है यह मामला न केवल सालों से उच्चतम न्यायालय में लंबित है बल्कि उसकी प्राथमिकताओं में भी नहीं है.
विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि 1950 में पहला मुकदमा दर्ज करने के 60 वर्ष पश्चात 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से एक निर्णय मिला था लेकिन हिन्दू समाज को पूर्ण न्याय नहीं मिल पाया. राम विरोधी ताकतों पर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि विश्वास की कमी का वातावरण किसी भी प्रकार से सही नहीं है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि संतों के मार्गदर्शन में 1984 से विहिप राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्षरत है और अब इस पुनीत राष्ट्रीय कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब उचित नहीं है. मार्गदर्शक मण्डल ने इस प्रस्ताव के माध्यम से देश के सम्पूर्ण संत समाज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे इस मामले में अति शीघ्र सुनवाई पूरी करें जिससे श्रीरामजन्मभूमि के इस मामले का जल्द निर्णय हो सके.