Uttar Pradesh: सीएम योगी की कारगर रणनीति से कोरोना संक्रमण के रफ्तार पर लग रहा ब्रेक, चरणबद्ध तरीके से किया गया काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी रणनीति के कारण प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर लगाम लग रही है. सीएम योगी के निर्देश पर शासन स्तर पर बनाई गई नीति को धरातल पर चरणबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाने के कारण ही गांवों में संक्रमण फैलने से रोका जा सका है.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की दूरदर्शी रणनीति के कारण प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) पर लगाम लग रही है. सीएम योगी के निर्देश पर शासन स्तर पर बनाई गई नीति को धरातल पर चरणबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाने के कारण ही गांवों में संक्रमण फैलने से रोका जा सका है. इसमें इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी), निगरानी समितियां और रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की बड़ी और निर्णायक भूमिका रही है. इसी का परिणाम है दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की स्थिति काफी बेहतर है.
सीएम योगी ने कोरोना की दूसरी लहर से पहले ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग निगरानी समितियों और रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया था और डोर टू डोर स्क्रीनिंग की रणनीति बनाई थी. निगरानी समितियों ने पिछले 24 घंटों में ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार 628 और शहरी क्षेत्रों में 8937 मेडिसिन किट निशुल्क बांटा है और उनकी सूचना पर आरआरटी ने एक लाख 63 हजार 253 लोगों के आरटीपीसीआर टेस्ट किए हैं.
फिलहाल, 65 हजार से अधिक निगरानी समितियां घर-घर जाकर लक्षण युक्त लोगों की पहचान कर रही हैं और उनकी सूचना पर 7737 आरआरटी को 4114 वाहनों से लोगों की जांच के लिए भेजा जा रहा है. प्रदेश में 31 मार्च से ही गांवों में शहरों से दुगुनी टेस्टिंग की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में 31 मार्च से 18 मई तक 70 लाख 45 हजार 888 टेस्ट हुए हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 36 लाख 80 हजार 158 टेस्ट हुए हैं.
तीन लाख 20 हजार 830 लोगों की स्क्रीनिंग में 7958 संक्रमित मिले
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ी चुनौती अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी थे. होली, अन्य त्योहारों और दूसरे राज्यों में अचानक लॉक डाउन लगने के कारण प्रवासियों की वापसी संभावित थी. इसे देखते हुए प्रदेश में 744 क्वारंटीन सेंटरों में 19 मई तक तीन लाख 20 हजार 830 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 7958 लोग संक्रमित मिले और उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया. यह भी पढ़ें: Uttar Pradesh: योगी सरकार का टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट फार्मूले ने लगाई कोरोना संक्रमण पर लगाम
जिलों में 1310 फोन लाइनों से किया जा रहा संक्रमितों से संपर्क
सीएम योगी ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर स्तर पर सूक्ष्म रणनीति बनाई और उन्हें सख्ती से लागू किया. उन्होंने जिले स्तर के अफसरों को दिए गए निर्देशों में दो बिंदुओं पर फोकस किया था. पहला, आईसीसीसी और दूसरा कंटेनमेंट जोन. सीएम ने अफसरों को टीम 9 की तर्ज पर जिले में भी टीम 9 बनाने और आईसीसीसी में बैठक करने के निर्देश दिए थे. कंटेनमेंट जोन को लेकर गाइड लाइन पहले से ही जारी कर दी गई थी, जिसका परिणाम रहा कि आईसीसीसी से लेकर कंटेनमेंट जोन तक सीधे निगरानी होती रही. अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से संपर्क करने के लिए सभी जिलों में 1310 फोन लाइन का उपयोग किया जा रहा है.
दूसरे राज्यों के लिए भी कोविड प्रबंधन में नजीर पेश की
सीएम योगी के यूपी मॉडल के इस माइक्रो मैनजमेंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), नीति आयोग और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश की प्रशंसा की है. केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी यूपी मॉडल को लागू किया है और अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं. देश में पहली बार उत्तर प्रदेश में शुरू किए गए साफ्टवेयर आधारित ऑक्सीजन ट्रैकिंग सिस्टम को बिहार ने भी लागू किया है. नीति आयोग ने ऑक्सिजन ट्रैकिंग और सप्लाई के रियल टाइम मैनज्मेंट को काफ़ी सराहा. इतना ही नहीं, ऑक्सीजन आडिट के भी बेहतर परिणाम मिले हैं. प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के लिए भी कोविड प्रबंधन में नजीर पेश की है.