UP Elections 2022: यूपी चुनाव में सपा-बसपा को बड़ा झटका, सर्वे में BJP लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल कर सकती है
अखिलेश यादव, सीएम योगी, मायावती (Photo Credits Facebook)

ABP C-Voter Opinion Poll: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लगातार दूसरी बार जीत हासिल करती दिखाई दे रही है. सी-वोटर एबीपी न्यूज के हालिया सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है. सी-वोटर एबीपी न्यूज के अंतिम जनमत सर्वेक्षण के नतीजे 10 फरवरी को होने वाले उत्तर प्रदेश में पहले दौर के मतदान से तीन दिन पहले सोमवार की शाम जारी किए गए.

सर्वेक्षण के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाला भाजपा नीत गठबंधन इस बार भी बहुमत हासिल करने में सफल रहेगा. सर्वे के अंतिम नतीजों के मुताबिक, पंजाब में आप अब बहुमत के आंकड़े को छूती हुई दिखाई दे रही है. उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है, जहां कोई भी पार्टी सरकार बना सकती है. यह भी पढ़े: UP Elections 2022: यूपी में BJP की सरकार बनाती नजर आ रही, SP का भी हो रहा आधार मजबूत- सर्वे

सर्वे में सामने आए अंतिम आंकड़ों या टैली के अनुसार, यूपी में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 225 से 237 के बीच सीटें मिल सकती हैं और उसके लिए बहुमत हासिल करने का अनुमान लगाया गया है. भाजपा के लिए प्राथमिक चुनौती माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाला गठबंधन 139 से 151 सीटें जीत सकता है.

वहीं मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) महत्वहीन होती जा रही है, जिसके 13 से 21 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। कांग्रेस पार्टी अपनी यूपी प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में एक उत्साही अभियान के बावजूद, कुछ खास करती दिखाई नहीं दे रही है और उसके महज 4 से 8 सीटों के बीच सिमटने का अनुमान है.

यदि अनुमान सही रहते हैं, तो 1989 के बाद यह पहली बार होगा, जब कोई पार्टी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सफलतापूर्वक सत्ता बनाए रखने में सफल रहेगी. तीन दशक से अधिक समय में यूपी में भाजपा, सपा और बसपा के बीच सत्ता बदलती हुई देखी गई है. बसपा ने 2007 में बहुमत हासिल किया था, जबकि सपा ने 2012 में ऐसा किया था. 2017 में भाजपा ने भारी जनादेश हासिल किया था.

सर्वेक्षण कुछ प्रमुख मुद्दों पर सत्ता विरोधी लहर का संकेत तो देता है, लेकिन यह भाजपा को सत्ता में बने रहने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है. विश्लेषकों का मानना है कि अगर 10 मार्च को भगवा पार्टी की जीत होती है तो इससे पार्टी में योगी आदित्यनाथ का कद काफी बढ़ जाएगा.