UP Assembly elections 2022: बीजेपी के लिए बड़ा झटका, यूपी की सभी 403 सीटों पर शिवसेना ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान
सीएम उद्धव ठाकरे (Photo Credit- PTI)

UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी अभी से ही बढ़ गई हैं. हालांकि अभी चुनाव के तारीखों का ऐलान होना बाकि है. लेकिन  राजनीतिक पार्टियां चुनाव में जीत को लेकर अभी से गुणा-गणित करना शुरू कर दी है. ताकि देश के सबसे बड़े राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हो सके. इसी कड़ी में महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना (Shivsena) ने भी ऐलान किया है कि यूपी विधानसभा चुनाव की सभी 403 पर चुनाव लड़ेगी. शिवसेना के इस ऐलान के बाद बीजेपी के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं हैं.

इस चुनाव में शिवसेना ने अभी तक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं किया है, लेकिन उसने गठबंधन की संभावना के संकेत दिए हैं. शिवसेना के यूपी सचिव विश्वजीत सिंह (Vishwajeet Singh) ने एक प्रेस नोट जारी कर मीडिया को इसके बारे में जानकारी दी हैं. शिवसेना की तरफ से जारी प्रेस नोट में बीजेपी पर कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा नहीं दे पाने के साथ ही राज्य में जंगल राज्य मच गया. जैसे तीखें शब्दों के जरिये हमला किया गया है. यह भी पढ़े: UP Assembly Election 2022: अखिलेश यादव को यूपी चुनाव में मिला शरद पवार का साथ, SP के साथ गठबंधन करेगी एनसीपी

शिवसेना यूपी की सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव:

शिवसेना से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) की तरफ से ऐलान हो चुका कि यूपी में बीजेपी को हराने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जुलाई महीने में यूपी चुनाव लड़ने को लेकर एनसीपी की तरह से ऐलान करते हुए कहा गया कि राज्य में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर एनसीपी चुनाव लड़ेगी. एनसीपी के नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र और बंगाल की तरह बीजेपी को सत्ता में वापसी से रोकने के लिए एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेगी.

यूपी चुनाव लड़ने को लेकर बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों में हम-वीआईपी के साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी भी दंभ भर रही हैं. हम और वीआईपी की तरह से कहा जा रहा है कि किसी के साथ उनका गठबंधन हो या ना हो. लेकिन उनकी पार्टी यूपी में चुनाव लड़ेगी.

एनडीए में शामिल जेडीयू ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी भी आगामी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. एनडीए की तरफ से उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं मिला तो जेडीयू अकेले ही चुनाव मैदान में उतारेगी. कुल मिलकर यदि बाहर की ये क्षेत्रीय पार्टियां यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ती है तो बीजेपी का बड़ा नुकसान होगा. जो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए उसकी सीटें कम हो सकती है.