कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कूच बिहार (Cooch Behar) में बीजेपी (BJP) की रैली के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने रविवार को मैदान का शुद्धिकरण किया. बड़ी संख्या में टीएमसी (TMC) कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की रैली स्थल को गोबर से लीपा और उसके बाद गंगाजल (Gangajal) छिड़का. दरअसल बीजेपी ने शनिवार को इसी मैदान में सूबे में टीएमसी सरकार के विरोध में रैली आयोजित की थी.
टीएमसी का कहना है कि बीजेपी ने यहां रैली करके लोगों को सांप्रदायिक नफरत का संदेश दिया है, ऐसे में इस इस जगह को हिंदू रिवाज से शुद्ध कर रहे हैं. तृणमूल के नेता पंकज घोष ने कहा, 'बीजेपी ने यहां से सांप्रदायिक संदेश दिया. यह भगवान मदनमोहन की धरती है इसलिए हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हमने इस स्थल का शुद्धिकरण किया है.'
West Bengal: TMC workers purified ground with gangajal & cow dung water in Cooch Behar y'day after BJP held a rally there. Pankaj Ghosh, party leader says, "BJP gave a communal message here. This is the land of lord Madanmohan so as per Hindu traditions we purified the place" pic.twitter.com/r9KbfhmRPz
— ANI (@ANI) December 9, 2018
शुद्धीकरण पर तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रबिंद्रनाथ घोष ने कहा, 'हमने स्थल को केवल गाय के गोबर और गंगाजल से शुद्ध किया. इसी वजह से वहां हमारे झंडे लगे हुए थे.
वहीं बीजेपी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'जो लोग जानते हैं. उन्हें पता है कि शुद्धता के लिए गाय का गोबर और गंगाजल का उपयोग करके उन्होंने गुनाह किया है. हम शुद्ध राजनीति करते हैं.’
इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कूचबिहार में बीजेपी की रैली को मंजूरी देने से मना करते हुए शुक्रवार सुबह अपील करने को कहा है. दरअसल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य में पार्टी की लोकतंत्र बचाओ रैली का शुभारंभ करने वाले हैं, जिसके तहत तीन रथयात्राएं होंगी. यह बंगाल के मंदिर शहर तारापीठ, उत्तर बंगाल के कूच विहार और दक्षिण बंगाल के गंगासागर में आयोजित होने वाली है. यह रथयात्रा राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी और उसके बाद जनवरी में कोलकाता में समाप्त होगी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा शुक्रवार को इस रैली को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम है. हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आधार पर इस कार्यक्रम को इजाजत देने से इनकार कर दिया है कि यह साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर सकता है.