आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा पूर्व वाईएसआरसीपी सरकार पर तिरुपति प्रसाद में "पशु वसा" मिलाने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद, वाईएसआरसीपी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया और इस मामले की जांच की मांग की.
वाईएसआरसीपी के वकीलों ने न्यायालय से अनुरोध किया कि इस मामले की जांच के लिए या तो एक मौजूदा न्यायाधीश या एक समिति नियुक्त की जाए. इस पर अदालत ने सुझाव दिया कि बुधवार को एक जनहित याचिका (PIL) दायर की जाए और मामले की सुनवाई उस दिन होगी.
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने देश भर में मंदिरों से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए 'सनातन धर्म रक्षणा बोर्ड' की स्थापना की मांग की थी.
शुक्रवार को पवन कल्याण ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में तिरुपति लड्डू विवाद पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि यह मामला "मंदिरों की अपवित्रता, उनकी भूमि समस्याओं और अन्य धार्मिक प्रथाओं" से जुड़े कई मुद्दों की ओर इशारा करता है. उन्होंने इस मामले पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की आवश्यकता बताई और सनातन धर्म की किसी भी प्रकार की अपवित्रता के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की अपील की.
इस बीच, पूर्व तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी ने टीडीपी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि प्रसादम की तैयारी में केवल जैविक सामग्री का उपयोग किया गया है.
उन्होंने कहा, "पिछले तीन वर्षों से स्वामी के प्रसाद के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री जैविक हैं, जिसमें घी भी शामिल है. यह बहुत ही गलत आरोप है कि हमारी सरकार और हमारी पार्टी, जो स्वामी की पवित्रता की रक्षा करते हुए इतने कार्यक्रम कर रही हैं, लोगों को गुमराह करने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है."
गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने एक वीडियो क्लिप साझा किया, जिसमें मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू यह कहते हुए दिखाई दिए कि पहले तिरुपति मंदिर में प्रसादम में घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था. मुख्यमंत्री नायडू ने इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया.
नारा लोकेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "तिरुमला का भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है. यह जानकर मुझे झटका लगा कि वाईएस जगन प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया." उन्होंने आगे कहा, "वाईएस जगन और वाईएसआर पार्टी की सरकार को शर्म आनी चाहिए, जिसने करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं किया."
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकटरमण रेड्डी ने "लैब रिपोर्ट" का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि तिरुमाला में आपूर्ति किए गए घी में "बीफ टैलो और पशु वसा- लार्ड और मछली के तेल" का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने दावा किया, "गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड में परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों की लैब रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि घी की तैयारी में बीफ टैलो, लार्ड और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया."
अनम वेंकटरमण रेड्डी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि न्याय होगा और भगवान गोविंदा हमें जो भी गलतियां हुई हैं, उसके लिए क्षमा करेंगे."
इस विवाद ने आंध्र प्रदेश की राजनीति और धार्मिक मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है, और जनता इस मामले की सच्चाई जानने के लिए उत्सुक है.