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BJP ने सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति देने को सराहा
#WATCH दिल्ली: सरकारी कर्मचारी अब RSS की गतिविधियों में भाग ले सकेंगे वाले फैसले पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "...मैं इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से अभिनंदन करता हूं। संघ साधारण संगठन नहीं है। राष्ट्रीय पुन निर्माण का आंदोलन है। अपने देश के लिए जीने… pic.twitter.com/k4xJm2fmy7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2024
इस फैसले पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का कांग्रेस सरकार का फैसला राजनीतिक कारणों से प्रेरित था. गोयल ने आगे कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रवादी संगठनों के प्रति हमेशा नकारात्मक मानसिकता रही है और ऐसी सोच का देश में कोई स्थान नहीं है. प्रतिबंध हटाने के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना करने वाले विपक्षी दल केवल तुष्टिकरण की राजनीति में रुचि रखते हैं और उन्होंने हिंदुओं के प्रति नकारात्मक रवैया प्रदर्शित किया है. आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन बताया, जिसके सदस्य देशभक्ति से भरे हुए हैं.
वहीं, इस फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा कि सरकार का मौजूदा निर्णय उचित है और यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 99 वर्षों से लगातार राष्ट्र के पुनर्निर्माण और समाज की सेवा में लगा हुआ है. राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता और प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर चलने में संघ के योगदान के कारण देश के विभिन्न स्तर के नेतृत्व ने समय-समय पर संघ की भूमिका को सराहा है. राजनीतिक हितों के कारण तत्कालीन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर बेबुनियाद प्रतिबंध लगा दिया था.
एजेंसी इनपुट के साथ