नयी दिल्ली: बिहार में 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनावों के लिये सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में मतभेद के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को स्पष्ट किया कि धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में कोई विरोधाभास नहीं है और यह अटूट है. तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला’ भी बताया और भविष्य में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में उनके लौटने की किसी संभावना से इनकार किया. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता ने पीटीआई भाषा को दिये एक साक्षात्कार में नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा को अपना जनाधार बढ़ाने में मदद की तथा धर्मनिरपेक्ष एवं समाजवादी राजनीति को जोखिम में डाल दिया.
यह पूछे जाने पर कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले क्या नीतीश कुमार के महागठबंधन में लौटने की संभावना है, तेजस्वी ने कहा कि समावेशी राजनीति के लिए धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद एक जीवनपर्यन्त प्रतिबद्धता है और नीतीश ने इसका सदा के लिए त्याग कर दिया है. राजद नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने(नीतीश ने) न सिर्फ हमारे साथ विश्वासघात किया बल्कि उन मूल सिद्धांतों का भी त्याग कर दिया जिस पर धर्मनिरपेक्ष-समावजादी राजनीति टिकी हुई है. केवल हम नहीं बल्कि वे लोग भी जो प्रगतिशील राजनीति में यकीन रखते हैं, वे गिरगिट जैसे रंग बदलने वाले व्यक्ति को अपनाने को अनिच्छुक हैं.’’
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बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने राज्य में आई हालिया बाढ़ के प्रति भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर उसकी आलोचना करते हुए कहा कि समूचे राज्य ने असहाय होकर नीतीश कुमार नीत सरकार की ‘असंवेदनशीलता’ को देखा और वे मतदान केंद्रों पर इसका जवाब देंगे. पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बाढ़, जलजमाव, चमकी बुखार (एईएस)से होने वाली मौतें, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड कोई प्राकृतिक आपदा नहीं हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के जरिये सरकार निर्मित आपदाएं हैं.’’
तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार ‘गंभीर संकट’ में है और मुजफ्फरपुर बालिका गृह में जो कुछ हुआ, चमकी बुखार से हुई मौतें और बाढ़ के दौरान राज्य सरकार के उदासीन रवैये को लेकर लेकर लोग गुस्से में है. महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असहमति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इसे परिप्रेक्ष्य के साथ समझना चाहिए. ये उपचुनाव सिर्फ पांच विधानसभा सीटों पर हो रहे हैं और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल बमुश्किल 10 महीने बचा है.’’
राज्य में 21 अक्टूबर को समस्तीपुर लोकसभा सीट के अलावा दरौंदा, नाथनगर, सिमरी बख्तियारपुर, किशनगंज और बेल्हर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है. उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) द्वारा नाथनगर में राजद के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारे जाने और मुकेश सहनी नीत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) द्वारा सिमरी बख्तियारपुर सीट पर अपना उम्मीदवार नामित करने से महागठबंधन के घटक दलों के बीच मतभेद खुल कर सामने आ गया है.
तेजस्वी ने कहा कि ‘हम’ और वीआईपी जैसे गठबंधन साझेदार हमारे बड़े उद्देश्यों को लेकर हमारे साथ हैं और इन उपचुनावों का हमारे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियां केंद्र और राज्य सरकारों की जन विरोधी नीतियों से बखूबी वाकिफ हैं और वे लोगों के हित में एकजुट रहेंगी. उन्होंने कहा कि बिहार में जमीनी स्तर पर बीजेपी -जदयू सरकार के खिलाफ रोष है और वे 23 मई के आमचुनाव नतीजों को दोहरा नहीं पाएंगे.
महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नीत राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), हम, शरद यादव का लोकतांत्रिक जनता दल और वीआईपी शामिल हैं.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हालिया चुनावों में काल्पनिक विमर्श फैलाया जबकि लोगों की रोजमर्रा के मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया. बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी नीत सरकार ने प्रकृति के प्रकोप को जिम्मेदार ठहराने की नाकाम कोशिश की. साथ ही, सरकार ने इस बात की अनदेखी कर दी कि उन्होंने जल निकासी के लिए क्या कुछ इंतजाम किये थे.
राजद नेता ने कहा, ‘‘बाढ़ में अपने मकान में फंसे श्रीमान सुशील मोदी को एनडीआरएफ की टीम ने जिस दिन बाहर निकाला था, बिहार में कई लोगों ने कहा था कि समूची सरकार को बाहर कर देना चाहिए.’’
गौरतलब है कि नीतीश के साथ राजद का संबंध उनके जुलाई 2017 में महागठबंधन से बाहर होने और राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के बाद तल्ख हो गया. तेजस्वी ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर उनकी पार्टी का एजेंडा इस बात से दिशा-निर्देशित होगा कि बिहार को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कायाकल्प की जरूरत है.
राजद नेता ने कहा, ‘‘हम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करेंगे और उन्हें आधुनिक उपकरणों से लैस करेंगे. हम सत्ता में आने के प्रथम छह महीने में जन केंद्रित स्वास्थ्य बीमा लेकर आएंगे. शिक्षा के क्षेत्र में हमें लगता है कि प्राथमिक स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयी शिक्षा तक समूचे ढांचे को फौरन दुरूस्त करने की जरूरत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में कानून व्यवस्था हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है और हमारी तत्काल प्राथमिकता इसका हल करने की तथा जवाबदेही तय करने की है.’’