AAP को एक और झटका, पंजाब से MLA सुखपाल सिंह खैरा ने पार्टी से दिया इस्तीफा

सुखपाल सिंह खैरा ने आरोप लगाया कि पार्टी उस विचारधारा और सिद्धांतों से 'पूरी तरह भटक चुकी' है जिनके आधार पर अन्ना हजारे आंदोलन के बाद उसका गठन हुआ था.

सुखपाल सिंह खैरा (Photo Credit: ANI)

पंजाब (Punjab) से आम आदमी पार्टी (AAP) के बागी विधायक सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी उस विचारधारा और सिद्धांतों से 'पूरी तरह भटक चुकी' है जिनके आधार पर अन्ना हजारे आंदोलन (Anna Hazare Movement) के बाद उसका गठन हुआ था. पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किए गए खैरा ने अपना त्यागपत्र आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को भेज दिया है. बोलाथ से विधायक ने अपने त्यागपत्र में कहा कि देश की पांरपरिक पार्टियों की वर्तमान राजनीतिक संस्कृति बुरी तरह बिगड़ चुकी है जिसके चलते आप के गठन से बहुत उम्मीदें जगीं थीं.

सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि दुर्भाग्य से पार्टी में शामिल होने के बाद मैंने महसूस किया कि आप का पदक्रम भी पारंपरिक केंद्रीकृत राजनीतिक पार्टियों से अलग नहीं है. पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से वह आप नेतृत्व के मुखर आलोचक रहे हैं. पद से हटाए जाने के बाद खैरा ने सात समर्थकों के साथ बागियों के एक समूह का गठन किया जिसने पार्टी की पंजाब इकाई के लिए स्वायत्तता की मांग की. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में महागठबंधन पर सबकी नजरें, अगले हफ्ते फाइनल होगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला!

सुखपाल सिंह खैरा के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर वे देश के लिए काम करना चाहते हैं तो उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए. अगर उन्हें अपने हितों और पद के लिए काम करना है तो वे कहीं भी जा सकते हैं. इसमें हमें क्या चिंता करना.

गौरतलब है कि इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता एच. एस. फूलका ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था. फूलका ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है. इस्तीफा देने के एक दिन बाद एच. एस. फूलका ने शुक्रवार को कहा कि 2012 में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को राजनीतिक दल में बदलना ‘‘गलत’’ था. आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि गैर राजनीतिक मंच के जरिए वह विभिन्न मुद्दों को उठाते रहेंगे.

भाषा इनपुट

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