लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में महागठबंधन पर सबकी नजरें, अगले हफ्ते फाइनल होगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला!
महागठबंधन (Photo Credit: ANI)

2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) की नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद कांग्रेस (Congress), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और दूसरी सहयोगी पार्टियां भी सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं और इसी के तहत अगले हफ्ते से औपचारिक बातचीत शुरू होगी. कांग्रेस का कहना है कि सीटों के तालमेल में कोई दिक्कत नहीं आएगी और 'उचित समय पर' निर्णय हो जाएगा. पार्टी के राज्य प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि यह तय हुआ है कि अगले हफ्ते किसी भी दिन आरजेडी, कांग्रेस और दूसरे सहयोगी दल के नेता बैठेंगे. अभी ऐसा नहीं है कि इसी बैठक में सबकुछ तय हो जाएगा. यहां से बातचीत की औपचारिक शुरुआत होगी.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में सीटों के तालमेल के साथ चुनाव प्रचार अभियान और इस रणनीति पर विचार किया जाएगा कि हम कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं. सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसले की अवधि पूछे जाने पर गोहिल ने कहा कि उचित समय पर इसका निर्णय हो जाएगा. दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 27 पर आरजेडी और 12 पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (ए) के खाते में गई थी. उस चुनाव में आरजेडी ने चार सीटों पर और कांग्रेस ने दो और एनसीपी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी.

इस बार कई और पार्टियां महागठबंधन में शामिल हैं. इनमें उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी ''हम'' और शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल शामिल है. ऐसी भी चर्चा है कि वाम दलों को भी साथ लेने की कोशिश हो सकती है. माना जा रहा है कि महागठबंधन में पार्टियों की संख्या बढ़ने के कारण आरजेडी और कांग्रेस को 2014 की तुलना में अपनी सीटें कुछ कम करनी पड़ सकती हैं. यह भी पढ़ें- तेजप्रताप कई महीनों बाद तेजस्वी से मिले, छोटे भाई ने छूए पैर तो बड़े भाई ने दिया 2019 में जीत का आशीर्वाद

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस बार 2014 के चुनाव से कम सीटों पर मान जाएगी तो गोहिल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम कितनी सीटों पर लड़ते हैं, बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि महागठबंधन कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते. गोहिल ने कहा कि महागठबंधन वैचारिक प्रतिबद्धता पर आधारित है, इसलिए सीटों के तालमेल में दिक्कत नहीं आएगी.

पिछले दिनों महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव, आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और महागठबंधन में हाल ही में शामिल हुए मुकेश साहनी ने रांची की एक जेल में लालू प्रसाद से मुलाकात की थी. बिहार में महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ा दल है और इसलिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए लालू की मंजूरी की जरूरी है.

एनडीए की ओर से बिहार में सिर्फ दो सीटों की पेशकश के बाद महागठबंधन में शामिल हुए कुशवाहा से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें महागठबंधन में अधिक सीटें पाने की उम्मीद है? इस पर कुशवाहा ने कहा था कि हमारी प्राथमिकता एनडीए को करारी शिकस्त देने की है और सीटों की संख्या को प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना है. उधर, जीतनराम मांझी ने पहले ही कह दिया है कि अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं, तो उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी.

भाषा इनपुट