Karnataka Sex-For-Job Scandal: कोर्ट ने 67 मीडिया हाउसों पर लगाई रोक, नहीं दिखा सकेंगे कर्नाटक के 6 मंत्रियों से जुड़ी कोई मानहानि वाली खबर
पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली (Photo Credits: Facebook )

बेंगलुरु: सेक्स फॉर जॉब स्कैंडल में फंसे कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व जल संसाधन मंत्री रमेश जराकिहोली (Ramesh Jarkiholi) के मामले में बीजेपी सरकार को थोड़ी राहत मिली है. कर्नाटक की एक कोर्ट ने शनिवार को 67 मीडिया हाउसेस द्वारा बीजेपी से संबंधित कर्नाटक के छह मंत्रियों के खिलाफ कोई मानहानि सामग्री दिखाने व प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है. बीजेपी सरकार के छह मंत्रियों- श्रम मंत्री शिवराम हेब्बार, कृषि मंत्री बी सी पाटिल, सहकारिता मंत्री एस टी सोमशेखर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं मेडिकल शिक्षा मंत्री के सुधाकर, युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री के सी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भायरथी बासवराज ने कोर्ट का रुख कर उन्हें बदनाम करने वाली खबरों पर रोक लगाने की मांग की थी. कर्नाटक के पूर्व मंत्री के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला: पुलिस के समक्ष पेश हुए कार्यकर्ता

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के छह मंत्रियों ने स्थगन आदेश का अनुरोध करते हुए अतिरिक्त शहर दिवानी एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत का दरवाजा खटखटाया. ये छह मंत्री उन 17 विधायकों में से हैं जिन्होंने कांग्रेस-जेडीयू गठबंधन सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था जिससे जुलाई, 2019 में वह सरकार गिर गयी थी. फिर बीजेपी कर्नाटक की सत्ता में आयी.

अपने विरूद्ध किसी भी ‘मानहानिकारक’ या ‘अपुष्ट’ चीजें प्रकाशित या प्रसारित करने से मीडिया को रोकने के लिए अदालत का रूख कर चुके कर्नाटक के कुछ मंत्रियों ने शनिवार को कहा कि उनके विरूद्ध ‘बड़ी राजनीतिक साजिश’ के खिलाफ यह एक एहतियाती उपाय है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अन्य मंत्री भी ऐसा कर सकते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि ऐसा जान पड़ता है कि मीडिया का दुरूपयोग करके उन्हें बदनाम करने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है, इसलिए उन्होंने बदनाम करने के अभियान को रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि व्यक्तियों की छवि खराब करने और सालों की मेहनत से उनके प्रति बने सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश है, ऐसे में उस पर विराम लगाना जरूरी है तथा सरकार भी इस प्रकार की शरारत को रोकने के लिए कानून लाने पर गौर कर रही है.

उनके अनुसार मुख्य धारा की मीडिया एवं सोशल मीडिया दोनों का ही मिथ्या प्रचार एवं फर्जी खबरों के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है. सोमशेखर ने कहा कि उन्हें विधानसभा में अपने पुराने मित्रों से पता चला है कि उन्हें बदनाम करने और इस्तीफा दिलवाने की मंशा से साजिश रची जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें बदनाम करने की मंशा से विधानसभा सत्र में हमें निशाना बनाये जाने की साजिश हैं, इसलिए हम अदालत गये हैं. छह लोग अदालत का रूख कर चुके हैं तथा छह और लोग ऐसा कर सकते हैं. हम मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष को भी सारी बात की जानकारी देंगे.