नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) के लिए बुधवार का दिन बेहद अहम है. बताना चाहते है कि देश की सबसे बड़ी अदालत आईएनएक्स मामले (INX Media Case) में जमानत की मांग कर रहे कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर कल अपना फैसला सुनाने जा रही है. इससे पहले न्यायमूर्ति आर बनुमथी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 28 नवंबर को चिदंबरम द्वारा दायर अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के 15 नवंबर के फैसले को चुनौती दी थी और उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था.
कांग्रेस के इस 74 वर्षीय नेता की जमानत अपील पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना ‘प्रभाव’ रखते हैं जबकि पूर्व वित्त मंत्री का कहना था कि जांच एजेन्सी इस तरह के निराधार आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा और करियर ‘बर्बाद’ नहीं कर सकती है. चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुये मेहता ने कहा था कि धन शोधन जैसा अपराध गंभीर किस्म का है और यह सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को ही नहीं प्रभावित करता बल्कि व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास को डगमगाता है. यह भी पढ़े-INX मीडिया केस: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से तिहाड़ में पूछताछ करेगी ईडी, कोर्ट ने दी अनुमति
पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला-
Supreme Court to pronounce its verdict on bail plea of former Finance Minister and Congress leader P Chidambaram (file pic), tomorrow, in INX Media money laundering case registered by the Enforcement Directorate (ED). pic.twitter.com/gMo9mLJ4Ar
— ANI (@ANI) December 3, 2019
मेहता का कहना था कि जांच के दौरान निदेशालय ने 12 बैंक खातों की पहचान की है जिनमें इस अपराध से मिली रकम जमा की गयी और एजेन्सी के पास ऐसी 12 संपत्तियों का भी ब्योरा है जिन्हें कई दूसरे देशों में खरीदा गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि चिदंबरम ने ‘निजी लाभ’ के लिये वित्त मंत्री के ‘प्रभावशाली कार्यालय’ का इस्तेमाल किया और इस अपराध की रकम को हड़प गये. निदेशालय ने यह भी दावा किया था कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री होने की वजह से चिदंबरम बहुत ही चतुर और प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस समय उनकी उपस्थिति ही गवाहों को भयभीत करने के लिये काफी है.
गौरतलब है कि सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुयीं. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन का मामला दर्ज किया.
(भाषा इनपुट के साथ)